प्रबंध के उद्देश्य प्रत्येक काम के लिए आवश्यक हैं। बिना प्रबंध के उद्देश्य के कोई काम सफलतापुर्वक सम्पन्न नहीं किया जा सकता हैं।
प्रबंध के उद्देश्य क्या है? (Objectives Of Management)
प्रत्येक मानवीय क्रिया के कुछ ना कुछ उद्देश्य होते हैं ।जब तक प्राप्त किए जाने वाले उद्देश्य पहले से निश्चित नहीं होंगे। तब तक उनकी प्राप्ति के लिए अपेक्षित प्रयास नहीं किए जा सकेंगे। उद्देश्य एवं लक्ष्य के निश्चित होने तथा व्यक्तियों के उस से अस्पष्टता अवगत होने पर ही एक निश्चित दिशा में अग्रसर होने एवं एक निश्चित ढंग से कार्य करने में सहायता मिलती है।
प्रबंध का उद्देश्य निम्नलिखित हैं जो कि नीचे इस प्रकार से दिए गए हैं –
1.प्राथमिक उद्देश्य Primary Objectives
2.सहायक उद्देश्य Secondary Objectives
3.व्यक्तिगत उद्देश्य Personal Objectives
4.संगठनात्मक उद्देश्य Organization Objectives
5.सामाजिक उद्देश्य Social Objectives
1.प्राथमिक उद्देश्य Primary Objectives– यह प्रबंध के प्राथमिक उद्देश्य बाजार में विक्रय योग्य वस्तुएं तथा सेवाएं प्रदान करना प्रबंध का प्राथमिक उद्देश्य है । ऐसी वस्तुएं एवं सेवाएं प्रदान करने पर उपभोक्ता को वे वस्तुएं और सेवाएं प्राप्त होती है। जो वे चाहते हैं और उपक्रम के सहयोगी सदस्यों को प्राप्त प्रतिफल से उनका पारिश्रमिक मिलान संभव हो पाता है।
प्राथमिक उद्देश्य के अंतर्गत निम्नलिखित को विशेष महत्व दिया जाता है –
a. ग्राहकों को तुरंत विश्वसनीय एवं प्रतिस्पर्धात्मक वस्तुएं एवं सेवाएं प्रदान करना।
b. ग्राहकों में यह विश्वास जमाना की बिक्री की जाने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन नवीन एवं आधुनिकतम विधि से किया गया है ।
c. ऊंची किस्म के उत्पादों एवं सेवाओं को ऐसे Price पर बेचना जो राष्ट्र के सर्वोत्तम हित में हो ।
2.सहायक उद्देश्य Secondary Objectives– सहायक उद्देश्य, प्राथमिक उद्देश्य को प्राप्त करने में सहायता करती है ।उन प्रयासों के लिए कार्य निष्पादन में कुशलता एवं वमितव्ययिता मेंं वृद्धि करने हेतु निर्धारित किए जाते हैं, लक्ष्य से अवगत कराते हैं। विश्लेषण, परामर्श एवं व्यख्या जैसे लक्ष्य सहायक उद्देश्य के उदाहरण हैं। इन उद्देश्य के योगदान इस अर्थ में अप्रत्यक्ष (Indirect)माना जाता है कि वे प्राथमिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए किए गए प्रयासों में सहायता पहुंचाते हैं । प्राथमिक उद्देश्यों की तरह सहाय उद्देश्य की प्रकृति भी और व्यक्तिगत होती है ।
3.व्यक्तिगत उद्देश्य Personal Objectives– प्रबंध के व्यक्तिगत उद्देश्य से आंख से कर्मचारियों के संदर्भ में निश्चित किए जाने वाले उद्देश्य से हैं । चुकी क्योंकि कर्मचारी संगठन का विवेकशील एवं संवेदनशील संसाधन होता है । इनकी भावनाओं की ओर विशेष ध्यान देने के लिए प्रबंध द्वारा कुछ उद्देश्य निश्चित किए जाते हैं।
4.संगठनात्मक उद्देश्य Organization Objectives– प्रबंध के संगठनात्मक उद्देश्य से आशय से पूरे संगठन के लिए निर्धारित किए जाने वाले उद्देश्यों से है। इसके अंतर्गत प्रबंध द्वारा व्यवसाय में हित रखने वाले सभी पक्षों का ध्यान रखा जाता है ।
5.सामाजिक उद्देश्य Social Objectives– सामाजिक उद्देश्यों का अर्थ एक संगठन के समाज के प्रति लक्ष्य एवं दायित्वों से हैं। इसके अंतर्गत सभी कर्तव्य को शामिल किए जाते हैं । जो किसी भी संस्था के लिए समाज द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। जैसे – स्वास्थ्य, सुरक्षा, श्रम के साथ अच्छा व्यवहार, मूल्य नियंत्रण आदि संबंधित सामाजिक कर्तव्य।
इसके अलावा,इन कर्तव्यों में वे कर्तव्य भी शामिल होते हैं जिनका लक्ष्य सामाजिक तथा भौतिक विकास करना तथा वांछनीय सामाजिक कार्यों में योगदान प्राप्त करना होता है। इस संबंध में कहा गया है कि व्यवसायिक उपक्रम अपने प्राथमिक उद्देश्य को प्राप्त करने की प्रक्रिया में संबंधित सामाजिक वर्गों के हितार्थ आवश्यक आर्थिक संपत्तियों का निर्माण करते हैं और रोजगार की व्यवस्था तथा वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं ।
प्रबंध के मुख्य सामाजिक उद्देश्यों की सूची में निम्न को शामिल किया जाता है –
1. रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना
2. वातावरण को दूषित होने से बचाना
3. जीवन स्तर के सुधार में योगदान देना
प्रबंध के उद्देश्य की परिभाषा कुछ प्रसिद्ध विद्वानों के अनुसार
पीटर एफ. ड्रकर Peter F. Drucker :- उद्देश्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में व्यवसायिक उपक्रम के संचालन हेतु आवश्यक उपकरण है । इसके अभाव में प्रबंध की उड़ान निष्प्रयोजन होगी क्योंकि मार्ग बोध के लिए ना तो संकेत चिन्ह होंगे, ना कोई मानचित्र होगा और ना ही कोई पूर्व परिचित मार्ग होगा ।
शताब्दियों पूर्व सैनिक Seneca: – यदि एक मनुष्य यह नहीं जानता है कि वह किस बंदरगाह को जाना चाहता है तो कोई भी हवा उसके अनुकूल नहीं होगी।
जॉर्ज आर. टेरी :– प्रबंधकीय उद्देश्य से एक ऐसा विशिष्ट लक्ष्य है जो निश्चित क्षेत्र में निर्धारित करता है तथा एक प्रबंध के प्रयासों के निर्देशन हेतु सुझाव देता है । प्रबंध के उद्देश्य की दी गई इस परिभाषा में चार धारणाएँ शामिल है-
लक्ष्य Goal
क्षेत्र Scope
निश्चितता Definiteness
निर्देशन Direction
प्रबंध के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें
प्रबंध व्यक्तियों का विकास है ना कि वस्तु का निर्देशन।
कर्मचारी प्रशासन ही प्रबंध है।
मानवी क्रियाओं का प्रबंध से अधिक महत्वपूर्ण और कोई अन्य क्षेत्र नहीं है क्योंकि इसका काम दूसरे व्यक्तियों से कार्य को पूरा करवाना है।
प्रबंध वह है जो प्रबंध का कार्य करें।