प्रबंध क्या हैं-Management In Hindi

CategoriesBusiness StudiesTagged ,

प्रबंध एक ऐसा शब्द हैं। जिसका नाम मन  में आते ही ऐसा लगता है की कुछ मैनेज करने का कार्य होगा । प्रबंध क्या है इसका अर्थ बड़ा ही सरल है । आज के इस पोस्ट में आप जानेगे की प्रबंध क्या हैं , आसान भाषा में प्रबंध से क्या आशय हैं  प्रबंध की बिशेषताए  तथा प्रबंध की प्रकृति एवं महत्व ।

प्रबंध क्या हैं 

साधारण बोलचाल की भाषा में प्रबंध दूसरे व्यक्तियों से कार्य कराने की युक्ति है परंतु विशेष अर्थ है कला और विज्ञान है जिसमें काम को कुशलता एवं प्रभावी ढंग से करने के लिए कार्यों के एक समूह नियोजन, संगठन, नियुक्ति करण, निर्देशन एवं नियंत्रण को संपन्न किया जाता है

प्रबंध का अर्थ

प्रबंध शब्द का उपयोग निम्नलिखित अर्थों में किया जाता है। जो की निचे इस प्रकार से दिए गए है –

1.व्यक्तियों के समूह के रूप में (As a Body of individual)

2.एक प्रक्रिया के रूप में (As a process)

3.आर्थिक साधन के रूप में (As an economic resource)

4.एक विषय के रूप में (As a discipline of study)

व्यक्तियों के समूह के रूप में :-प्रबंध किसी व्यक्ति विशेष पर लागू नहीं होता। प्रबंध उन व्यक्तियों का समूह है जो बिज़नेस के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए साधनों में समन्वय करते हैं जो व्यावसायिक इकाइयों में काम करने वाले कर्मचारियों के कार्य पर नियंत्रण रखते हैं तथा व्यावसायिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए जिम्मेदार होते हैं।

एक प्रक्रिया के रूप में:– प्रबंध का अर्थ प्रबंध की क्रियाओं से है जो कि प्रबंध को संस्था के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए करने पड़ते हैं। इस प्रकार प्रबंध का अर्थ उन क्रियाओं से है जो कि उद्देश्यों की पूर्ति में सहायक है।

आर्थिक साधन के रूप में :- प्रबंध भूमि,पूंजी तथा श्रम की भांति उत्पादन का एक घटक है इस अर्थ में प्रबंध उत्पादन काम वह महत्वपूर्ण घटक है । जो अन्य घटकों की कार्यकुशलता तथा लाभदायक ता में वृद्धि करता है।

एक विषय के रूप में :– प्रबंध एक विषय के रूप में वह क्रमबद्ध ज्ञान का समूह है जिसका शिक्षण- प्रशिक्षण किया जा सकता है। इसके कुछ निश्चित विचार, नियम और सिद्धांत है जो संसार में समान रूप से लागू किए जा सकते हैं। विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्रबंध एक लोकप्रिय विषय है। अन्य सामाजिक एवं भौतिक विज्ञान की भांति अध्ययन के इस विषय की सीमाएं निश्चित नहीं है। प्रबंध एक विषय के अर्थ में ऐसी कला व विज्ञान का मिश्रण है जो बताता है कि प्रबंध प्रक्रिया में क्या शामिल है और यह कैसे संपन्न की जाती है।

 

इसे भी पढ़े – मुख्य लागत क्या है ?

 

प्रबंध की विशेषताएं

प्रबंध की निम्नलिखित प्रमुख विशेषताएं हैं-

1.प्रबंध उद्देश्य प्रधान प्रक्रिया है

2.प्रबंध एक सामाजिक क्रिया है

3.प्रबंध एक सामूहिक क्रिया है

4.प्रबंध मानवीय प्रयासों से संबंधित

5.प्रबंध एक अदृश्य शक्ति है

6.प्रबंध एक प्रक्रिया है

7.प्रबंध सर्वव्यापी है

 

प्रबंध उद्देश्य प्रधान प्रक्रिया है – यदि हमारे सामने कोई उद्देश्य नहीं है तो प्रबंध की आवश्यकता नहीं है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो ‘प्रबंध की आवश्यकता तब होती है जब उसे प्राप्त करने के लिए हमारे पास कोई उद्देश्य हो’।

प्रबंध एक सामाजिक क्रिया है– प्रबंध का मुख्य रूप से संबंध व्यवसाय के मानवीय पक्ष से होता है । संस्था के सभी कर्मचारी समाज के ही अंग होते हैं ।अतः इनका नेतृत्व व निर्देशन सामाजिक क्रिया का ही अंग है । वर्तमान में व्यवसाय ने भी अपने सामाजिक उत्तरदायित्व को स्वीकार कर लिया है ।
इस संदर्भ में ‘ब्रांच के अनुसार’ “प्रबंध में मानवीय तत्वों का होना सामाजिक क्रिया का विशेष लक्षण प्रदान करता है वास्तव में प्रबंध एक सामाजिक क्रिया है क्योंकि मुख्य रूप से इसका संबंध व्यवसाय के मानवीय तत्वों से हैं”।

प्रबंध एक सामूहिक क्रिया है – प्रबंध एक सामूहिक क्रिया है । प्रबंध हमेशा सामूहिक प्रयासों को महत्व देता है । प्रबंध व्यक्तियों का वह समूह है जो किसी संस्था की क्रियाओं का संचालन करता है अर्थात संस्था के उद्देश्यों की प्राप्ति अनेक व्यक्तियों की सहायता से की जाती है ना की किसी व्यक्ति विशेष के प्रयास से। प्रबंध का प्रयोग समूह के प्रयासों के संदर्भ में किया जाता है क्योंकि एक व्यक्ति की अपेक्षा एक संस्था के लक्ष्य को समूह के द्वारा आसानी से तथा प्रभावपूर्ण तरीके से प्राप्त किया जा सकता है।

प्रबंध मानवीय प्रयासों से संबंधित – प्रबंध मानवीय क्रियाओं से संबंधित होता है । प्रबंध मानवीय क्रियाओं के नियोजन, संगठन,निर्देशन, समन्वय एवं नियंत्रण के द्वारा ही उपकरण के निष्क्रिय साधनों को गतिशील बनाता है। दो प्रसिद्ध वैज्ञानिक के अनुसार (कूण्ट्ज व ओ डोनेल) शायद प्रबंध से अधिक महत्वपूर्ण मानवीय क्रियाओं का कोई अन्य क्षेत्र नहीं है । मानवीय क्रियाओं से संबंधित होने के कारण ही प्रबंध को “सामाजिक विज्ञान” (Social Science) की संज्ञा दी जाती है।

 

प्रबंध एक अदृश्य शक्ति है :- प्रबंध एक ऐसी शक्ति है जिसको प्रत्यक्ष (Direct) रूप से नहीं देखा जा सकता है बल्कि इसे केवल संस्था की सफलता के मूल्यांकन के आधार पर महसूस किया जा सकता है।

प्रबंध एक प्रक्रिया है :– प्रबंध एक प्रक्रिया है जिसमें कई क्रियाओं को पूरा किया जाता है तथा जो हमेशा चलते रहता है ।

प्रबंध सर्वव्यापी है  :– प्रबंध की प्रक्रिया किसी विशेष कार्य या संस्था तक सीमित नहीं होती है बल्कि इसका प्रयोग सभी कार्य एवं संस्थाओं में होता है । अतः प्रबंध की विशेषता सर्वव्यापी है।

 

प्रबंध की प्रकृति एवं महत्व

किसी भी उपक्रम में कार्यरत व्यक्तियों के द्वारा अपने-अपने भूमिकाओं को समझना आवश्यक है । प्रबंध के क्षेत्र में व्याप्त नई प्रवृत्तियों ने इसे समझना कुछ कठिन बना दिया है । विभिन्न व्यक्तियों प्रबंध की प्रकृति का भिन्न -भिन्न अर्थों में प्रयोग करते हैं।

उदाहरण के लिए एक इंजीनियर प्रबंध का अर्थ मुख्यता उत्पादित की जाने वाली वस्तु के डिजाइन एवं यंत्र आदि के उत्पादन से लगाता है जबकि इस रसायन शास्त्र विभिन्न सूत्रों के रूप में इसे समझने का प्रयास करता है । यह कहना उपयुक्त होगा कि विभिन्न व्यक्तियों को अपनी अपनी भूमिकाओं को समझने के लिए प्रबंध की प्रकृति का ज्ञान आवश्यक है ताकि वह उन्हीं कार्यों के निष्पादन में रुचि लें इनका पूरा किया जाना आवश्यक है । अध्ययन की प्रकृति को कई रूपों में समझा जा सकता है –

1.प्रबंध कला और विज्ञान दोनों है।
2.प्रबंध एक पेशा है।
3.प्रबंध एक सार्वभौमिक क्रिया है।
4.प्रबंध एक प्रणाली है।
5.प्रबंध एक जन्मजात प्रतिभा है।
6.प्रबंध सभी स्तरों पर आवश्यक है ।
7.प्रबंध एक अदृश्य शक्ति है।
8.प्रबंध और स्वामित्व प्राय भी नहीं होता है।

 

प्रबंध का महत्व

किसी भी संस्था में चाहे वह बड़ी हो अथवा छोटी, व्यवसायिक हो अथवा गैर – व्यवसायिक सामूहिक प्रयास के द्वारा सामान्य उद्देश्य की पूर्ति की जाती है। इन प्रयासों में आवश्यक सामंजस्य स्थापित करना संस्था की सफलता के लिए आवश्यक है । वास्तव में सामंजस्य स्थापित करन प्रबंध का कार्य है।

जिस प्रकार से मस्तिष्क के बिना मानव शरीर एक असि्थ पंजर है। उसी प्रकार प्रबंध के बिना कोई संस्था पूंजी व श्रम का निष्क्रिय समूह है। अतः व्यवसाय में प्रबंध के निम्नलिखित महत्व है –

1. न्यूनतम प्रयास द्वारा अधिकतम परिणाम की प्राप्ति के लिए : – प्रबंध न्यूनतम प्रयास के द्वारा अधिकतम परिणामों की प्राप्ति संभव बनाता है । प्रबंध निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति हेतु उत्पादन के विभिन्न साधनों में प्रभावपूर्ण समन्वय स्थापित कर न्यूनतम प्रयासों से अधिकतम परिणामों की प्राप्ति संभव बनाता है । प्रबंध के महत्व को स्वीकार करते हुए ‘उर्विक’ ने एक स्थान पर लिखा है कि “कोई भी विचारधारा, कोई भी वाद, कोई भी राजनीतिक सिद्धांत उपलब्ध मानवीय एवं भौतिक साधनों के उपयोग से न्यूनतम प्रयास द्वारा अधिकतम उत्पादन की प्राप्ति नहीं करा सकता । वास्तव में प्रबंध संस्था के उपलब्ध साधनों में स्थापित कर मनुष्य का विकास करता है।

2.प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए :- आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में वही व्यवसाय सफल हो सकता है जो कम लागत पर अधिक उत्पादन करने में सक्षम हो तथा जिसके उत्पादन की गुणवत्ता अच्छी हो । प्रबंध प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए सक्षम बनाता है ।

3.वैज्ञानिक अनुसंधान का लाभ उठाने के लिए :- तकनीकी विकास ने उत्पादन की विधियों को सरल किया है। परंतु तकनीकी विकास एवं वैज्ञानिक अनुसंधान का लाभ उठाने के लिए कुशल प्रबंध की आवश्यकता होती है।

4.साधनों का अनुकूलतम प्रयोग करने के लिए :- प्रत्येक संगठन में अधिक संसाधनों का प्रयोग होता है। इन संसाधनों का अपव्य रोकने के लिए तथा इनका अनुकूल करने के लिए प्रबंध की आवश्यकता होती है।

5.सामाजिक उत्तरदायित्व को पूरा करने के लिए :- प्रबंध का कार्य केवल व्यवसाय का संचालन करना ही नहीं है बल्कि समाज के प्रति दायित्व का निर्वाह करना भी हैं। व्यवसाय में इन सामाजिक उत्तरदायित्व को पूरा करने के लिए प्रबंध की आवश्यकता होती है।प्रबंध क्या हैं

6.देश की समृद्धि के लिए :- कुशल प्रबंधक जब न्यूनतम लागत पर अधिकतम उत्पादन संभव बनाते हैं, उपलब्ध साधनों का अधिकतम उपयोग करते हैं , श्रम समस्याओं को सुलझाते हैं , कर्मचारियों के साथ मानवोचित व्यवहार करते हैं एवं समाज के विभिन्न अंगों के प्रति अपने उत्तरदायित्व को भली- भांति निभाते हैं तो निश्चय ही राष्ट्र समृद्धि की ओर अग्रसर होता है। विश्व के अनेक राष्ट्रों ने अल्पावधि में जो प्रगति की है वह इसका उदाहरण है।

7.नीतियों का निर्धारण करने के लिए:- किसी संस्था के उद्देश्यों का निर्धारण करना जितना जरूरी है । उससे कहीं अधिक जरूरी इन की प्राप्ति हेतु एक कड़ी नीतियों का निर्धारण करना है। नीतियां निर्धारित उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु महत्वपूर्ण साधन होती है । संस्था की नीतियों के निर्धारण हेतु कुशल प्रबंधन की आवश्यकता होती है । प्रबंध द्वारा प्रारंभ में आधारभूत नियमों का निर्माण किया जाता है और बाद में जरूरत के अनुसार इन सभी नीतियों का निर्धारण किया जाता है।प्रबंध क्या हैं

 

इसे भी पढ़े –एक उद्यमी के समाज के प्रति क्या उत्तरदायित्व हैं

उम्मीद है की अब आप यह जान ही गए होंगे की प्रबंध क्या है , विशेषताए प्रकृति एवं महत्व।  

प्रबंध क्या है इसका अर्थ बिलकुल ही सरल है । लेकिन फिर भी बहुत लोग प्रबंध क्या है इसका गलत ही उतर याद कर लेते है । आज के इस पोस्ट पढ़े के बाद आपको प्रबंध क्या है इससे संबंधित कोई भी dout  नहीं रहेगा ।

About the author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *