माइनर किसे कहते हैं

माइनर नाबालिग या फिर अवयस्क यह शब्द जरूर आपने कभी सुना होगा । इस आज के आर्टिकल में मैं आपको इसी टॉपिक अर्थात माइनर किसे कहते हैं, अवयस्क से आप क्या समझते हैं उसे बताउंगा।

मेरा नाम चंदन कुमार पाल हैं। आइए बिना देर किए पढ़ना शुरू करते हैं।

माइनर किसे कहते हैं?

भारतीय कानून के अनुसार/कोर्ट के अनुसार ‘जिस व्यक्ति की आयु 18 वर्ष से कम है वह माइनर अर्थात नाबालिक अवयस्क कहलाता हैं। कुछ नियम ऐसे भी होते हैं जिनमें किसी व्यक्ति की उम्र 21 वर्ष कर दिया जाता है।

अवयस्क से आप क्या समझते हैं?

भारतीय वयस्कता अधिनियम 1875 (indian majority act,1875) की धारा 3 के अनुसार ‘प्रत्येक व्यक्ति 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर वयस्क अथवा बालिग माना जाता हैं। इस नियम के दो अपवाद है पहला यदि किसी व्यक्ति के संरक्षक न्यायालय द्वारा नियुक्त किए गए हो अथवा दूसरा उसकी संपत्ति कोर्ट ऑफ वार्ड्स के निरीक्षण में हो तो ऐसा व्यक्ति 21 वर्ष की आयु पूरी करने के पश्चात ही वयस्क समझा जाएगा।

अवयस्क की वैधानिक स्थिति

राज नियम अपने अवयस्कों की रक्षा करता हैं, उनकी संपत्ति एवं अधिकारों को सुरक्षित रखता हैं, उनके प्रभावों को क्षमा करता हैं, उनकी ओर से वैधानिक कार्यवाही में उनकी सहायता करता हैं, ज्यूरी उनके परामर्शदाता सेवक होते हैं।

भारतवर्ष में प्रचलित अधिनियम के आधार पर एक वयस्क
की स्थिति इस प्रकार हैं-

  • पहला ठहराव पूर्ण रूप से व्यर्थ
  • दुसरा वयस्क होने पर पुष्टि सम्भव
  • तीसरा अवरोध का सिद्धांत
  • चौथा अनिवार्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए दायित्व
  • पांचव अवयस्क से अनुबंध का लाभ वापस नहीं लिया जा सकता ।