पिछले आर्टिकल में मैंने आपको लागत लेखांकन के बारे में बताया हूं। इस नए आर्टिकल में आप लागत लेखांकन के क्षेत्र, परिव्ययांकन, लागत लेखाशास्त्र, लागत नियंत्रण एवं इन तीनों में अंतर को भी समझेंगे।
लागत लेखांकन के क्षेत्र
इसके मुख्य क्षेत्र होते हैं जिनमें से प्रमुख इस प्रकार से दिए गए हैं –
- लागत अंकेक्षण Cost Auditing
- लागत में कमी लाना Cost Reduction
- लागत प्रतिवेदन Cost Reporting
- लागत नियंत्रण Cost Control
- लागत की तुलना Comparison of Cost
- लागत विभाजन Cost Allocation
- लागत वर्गीकरण Cost Classification
लागत अंकेक्षण (Cost Auditing)
लागत अंकेक्षण लागत रिकॉर्ड की जांच को ही लागत अंकेक्षण Cost Auditing कहा जाता हैं।
लागत में कमी लाना (Cost Reduction)
इसके अंतर्गत प्रति इकाई लागत कम करने का प्रयास किया जाता है ताकि संस्था अधिक से अधिक लाभ अर्जित कर सके तथा कंपटीशन का सामना कर सकें।
लागत प्रतिवेदन (Cost Reporting)
लागत प्रतिवेदन का मुख्य उद्देश्य प्रबंध की आवश्यकता के अनुसार लागत संबंधित सूचना सही समय पर प्रदान करना होता हैं। जिससे वह संस्था का नीति निर्धारण अच्छे तरीके से कर सकें।
लागत नियंत्रण (Cost Control)
प्रमाप लागत, स्कंध नियंत्रण, बजटरी नियंत्रण, किस्म नियंत्रण आदि विधियों के द्वारा लागत नियंत्रण किया जाता हैं। इससे यह स्पष्ट है की लागत लेखांकन से साधनों का समुचित प्रयोग संभव होता हैं।
लागत की तुलना (Comparison of Cost)
लागत निर्धारण के बाद एक समय की लागत की तुलना दूसरी समय की लागत से तथा एक संस्था की लागत की तुलना दूसरी संस्था की लागत से की जाती हैं।
लागत विभाजन (Cost Allocation)
लागत लेखांकन के बाद पूर्व निर्धारित आधार पर विभिन्न विभागों एवं लागत केंद्रो के बीच लागत का विभाजन किया जाना इसके क्षेत्र के अंतर्गत आता हैं।
लागत वर्गीकरण (Cost Classification)
लागत वर्गीकरण का मुख्य उद्देश्य एक ही प्रकृति के विभिन्न लागतको अलग-अलग वर्गों में विभाजित करना होता हैं। लागत का यह वर्गीकरण लागत प्रमाप के आधार पर किया जाता हैं।
जैसे कि समय के आधार पर व्यय का वर्गीकरण उत्पादन प्रक्रिया की प्रकृति के आधार पर वर्गीकरण इत्यादि।
परिव्ययांकन क्या होता हैं?
परिव्ययांकन (Costing) को लागतों को निश्चित करने की प्रक्रिया और तकनीक हैं। इस तकनीक में सिद्धांतों एवं नियमों का समावेश होता है जिनके आधार पर उत्पादन एवं सेवाओं के लागत को निर्धारित किया जाता हैं।
तकनीक व प्रक्रिया का प्रयोग उद्योग की प्रकृति उत्पादन के प्रकार एवं उत्पादन के तरीकों पर निर्भर करता हैं।
इसके अंतर्गत प्रत्यक्ष परिव्यायांकन, अवशोषण परिव्ययांकन, सीमांत परिव्ययांकन, ऐतिहासिक परिव्ययांकन इत्यादि को सम्मिलित किया जाता हैं।
लागत लेखाशास्त्र से आप क्या समझते हैं?
लागत एवं लागत लेखांकन के सिद्धांतों, तरीकों को लागत नियंत्रण के विज्ञान, कला तथा व्यवहार एवं लाभदायकता के निर्धारण में लागू करना ही लागत लेखाशास्त्र (Cost Accountancy) कहलाता हैं।
लागत नियंत्रण क्या हैं?
व्यावसायिक संस्थान में अनावश्यक लागत को रोकना एवं सामग्री, श्रम एवं मशीनों की बर्बादी पर नियंत्रण करना ही लागत नियंत्रण (Cost Control) कहलाता हैं।
लागत लेखाशास्त्र, परिव्ययांकन और लागत नियंत्रण में अंतर
इन तीनों के बीच निम्नलिखित अंतर होते हैं जो नीचे के टेबल में इस प्रकार से दिए गए हैं –