लेखांकन के प्रकार या शाखाएं | Branches of Accounting In Hindi

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एक व्यापारी के पास कितना भी पैसा क्यों न हों वह तभी एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन बन सकता है। जब वह लेखांकन का इस्तेमाल करता जानता हो, उसे यह ज्ञात हो कि लेखांकन कितने प्रकार के होते हैं और इसको इस्तेमाल करने से क्या-क्या लाभ होंगे । आज के इस पोस्ट में मैं इन सभी टॉपिक पर बात करूँगा ।

लेखांकन के प्रकार

व्यवसाय में कई प्रकार के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु अलग-अलग प्रकार की लेख पद्धति विकसित हुई है। इन्हें ही लेखांकन के प्रकार या लेखांकन की शाखाएं कहां जाता है। लेखन के प्रकार मुख्य रूप से तीन है जो नीचे इस प्रकार से दिए गए हैं-
1. वित्तीय लेखांकन (Financial Accounting)
2.प्रबंध लेखांकन (Management Accounting)
3.लागत लेखांकन (Cost Accounting)

1.वित्तीय लेखांकन (Financial Accounting)-वित्तीय लेखांकन वह लेखांकन होता है जिसके अंतर्गत वित्तीय प्रकृति वाले सौदों ( लेन-देन) का लेखा किया जाता है। इन लेखों के आधार पर ही लाभ-हानि खाता (P&L  A/C), आय विवरण खाता तथा तुलन पत्र (Balance Sheet) को तैयार किया जाता है।
इस प्रकार से वित्तीय लेखांकन के निम्नलिखित कार्य होते हैं –
1. संस्था से संबंधित लेनदेन को उपर्युक्त बही में लिखना।
2. आय विवरण खाता, लाभ हानि खाता तथा आर्थिक चिट्ठा बनाना।
3. एक निश्चित अवधि के व्यावसायिक परिणामों से व्यवसाय के स्वामी या संबंधित पक्षकारों को अवगत कराना।

2.प्रबंध लेखांकन (Management Accounting)– प्रबंध लेखांकन, लेखांकन की आधुनिक कड़ी (Chain) है। जब कोई लेखा विधि प्रबंध की आवश्यकताओं के लिए आवश्यक सूचनाएं प्रदान करती है, तब इसे प्रबंधकीय लेखा विधि कहा जाता है।

3.लागत लेखांकन (Cost Accounting)-लागत लेखांकन,वित्तीय लेखा पद्धति की सहायक (Subsidiary) है। यह लेखांकन किसी वस्तु या सेवा की लागत का व्यवस्थित व वैज्ञानिक विधि से लेखा करने की प्रणाली है । इसके द्वारा लागत पर नियंत्रण भी किया जाता है । लागत लेखांकन के अंतर्गत प्रत्येक कार्य या आदेश, ठेका विधि, सेवा या इकाई की लागत का निर्धारण शामिल रहता है।

लेखांकन की अन्य प्रकार तथा शाखाएं

1. मानव संसाधन लेखांकन (HRA)
2. कर लेखांकन (Tax accounting)
3. सरकारी लेखांकन (Government accounting)
4. सामाजिक लेखांकन (Social accounting)

1.मानव संसाधन लेखांकन (Human Resources Accounting)-लेखांकन जगत में मानव शक्ति के मूल्यांकन तथा लेखों में दर्ज कर वित्तीय परिणामों को प्रदर्शित करने की एक नई प्रणाली विकसित होने लगी है। जिससे ‘मानव संसाधन लेखांकन’ कहा जाता है। इसे शॉर्ट फॉर्म में HRA के नाम से जाना जाता है ।
अमेरिकन अकाउंटिंग एसोसिएशन समिति के अनुसार- “मानव संसाधन लेखांकन मानव साधनों को पहचानने, इनका आंकड़ा में मापन करने और इस सूचना को संबंधित पक्षो तक संवाहित करने की प्रक्रिया है ।

2.कर लेखांकन (Tax accounting)-कर लेखांकन, आय (income) पर सही-सही कर की गणना करने हेतु जो लेखांकन प्रयोग किया जाता है उसे कर लेखांकन कहते हैं ।जैसे – संपदा कर,विक्री कर,उपहार कर तथा मृत्यु कर आदि ।

3.सरकारी लेखांकन (Government accounting)-सरकारी लेखांकन, सरकार अपने आय और व्यय का हिसाब-किताब रखने के लिए जो लेखांकन प्रणाली अपनाती है उसे सरकारी या राजकीय लेखांकन कहा जाता है। सरकार अपने आय व्यय के लिए बजट बनाती हैं तथा उसके अनुसार कार्य करती है।

4.सामाजिक लेखांकन (Social accounting)-सामाजिक लेखांकन, किसी राष्ट्र की आर्थिक क्रियाओं को उचित ढंग से क्रमबद्ध करना ही सामाजिक लेखांकन कहलाता है। यह क्रियाएं विभिन्न कार्य संबंधित वर्गों में बांटी जाती है। लेखांकन की यह वगधि किसी राष्ट्र में निर्धारित अवधि में हुए सामाजिक, आर्थिक परिवर्तनों को वृहत रूप में प्रकट करती है, इसे राष्ट्रीय लेखांकन भी कहा जाता है।

लेखांकन कितने प्रकार के होते हैं

जैसा कि आपने ऊपर की पोस्ट में पढ़ा कि एक बिजनेस में कई तरह की क्रियाएं व उद्देश्य को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार की लेखा पद्धति होती है। जिनको आवश्यकता के अनुसार प्रयोग किया जाता है। सही अर्थ में लेखांकन के मुख्य तीन प्रकार होते हैं-
1. वित्त लेखाविधि
2. प्रबंध लेखाविधि
3.लागत लेखाविधि

लेखांकन का इस्तेमाल कैसे किया जाता है

एक व्यापार में कई तरह के क्रियाकलाप किए जाते हैं।बिजनेस का उद्देश्य होता है अधिक से अधिक धन अर्जित करना और साथ ही ग्राहकों की मांग को बनाए रखना । इसके लिए व्यापारी को वस्तु का क्रय, विक्रय तथा बहुत सारी क्रियाओं को करना होता है ।जिसके लिए वह एक बही का इस्तेमाल करता है और अपने व्यापार में हुए लेन देन को तिथि वार लिखता रहता है । यही क्रिया लेखांकन हैं।

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