व्यापारिक सन्नियम ( Business / Commercial Law ) के बारे में समझने से पहले आपको ‘व्यापारिक’ तथा ‘सन्नियम’ का अर्थ जानना होगा । साधारण शब्दों में व्यापारिक शब्द ‘व्यापार’ से लिया गया है जिसका अंग्रेजी Business होता हैं।
बिजनेस से आश्य किसी ना किसी कार्य में व्यस्त रहना होता है । व्यवसाय लाभ कमाने के उद्देश्य से ही स्थापित किया जाता है।
उदाहरण के लिए रिलायंस एक बड़ी कंपनी है यह पेट्रोल से लेकर 4G डाटा नेटवर्क, Jio Mall , Mart , Ajio Jio Tv (पोस्ट लिखते समय) तक बहुत सारे सामानों का उत्पादन करती है जिसे आप और हम मिलकर उस वस्तु का उपयोग/ उपभोग करते हैं इस पूरे प्रक्रिया में कंपनी हम से लाभ कमाती है जिसको ‘व्यवसाय’ Business कहा जाता हैं।
सन्नियम क्या हैं?
सन्नियम अर्थात कानून (Law) राज्य द्वारा समाज में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए मनुष्य के आचरणों तथा व्यवहारों को व्यवस्थित, नियमित एवं नियंत्रित करने के उद्देश्य से राज्य द्वारा जो नियम तथा उप नियम बनाए जाते हैं उन्हें ही “सन्नियम” (Law) कहा जाता हैं।
बदलते हुए समय के अनुसार सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में सन्नियम को अलग-अलग व्यक्तियों के द्वारा अलग-अलग रूपों में देखा गया है।
उदाहरण के लिए यदि सामान्य व्यक्ति के लिए यह पालन किए जाने वाले नियमों का समूह है तो वकील के लिए जीवन यापन का साधन । न्यायाधीश के लिए निर्देशात्मक सिद्धांत है। समाजशास्त्री के लिए यदि सामाजिक नियंत्रण का आधार है तो विधायकों के लिए यह वह सन्नियम है जिसे उन्होंने बनाया है।
सच तो यह हैं कि सन्नियम आज हमारे जीवन का एक अनिवार्य अंग बन चुका है जिसको कदम कदम पर हमें पालन करना पड़ता हैं।
” किसी समुदाय अथवा समाज के उपर्युक्त नियमन के लिए अथवा जीवन में सही आचरण के लिए सत्ता द्वारा बनाए गए नियम ही सन्नियम है।” – Oxford English Dictionary
सन्नियम के बारे में विभिन्न व्यक्तियों के द्वारा अपना अलग-अलग मत दिया गया है जो कि नीचे इस प्रकार से दिए गए हैं –
न्यायमूर्ति सालमण्ड – सन्नियम से आशय राज्य द्वारा मान्य एवं प्रयुक्त उन सिद्धांतों के समूह से हैं जिनको व न्यायिक प्रशासन के लिए उपयोग में लाता है। –
Austin – सन्नियम आचरण के वह नियम है जो प्रभुसत्ता द्वारा प्रभावित एवं प्रवर्तित किए जाते हैं। –
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व्यापारिक सन्नियम क्या हैं?
यह समाज के लोगों की व्यापारिक क्रियाओं से संबंधित हैं। यह कानून की वह शाखा है जो कि विभिन्न व्यापारिक अथवा व्यवसायिक लेन-देनों से संबंधित व्यापार में लागू होती हैं।
इस प्रकार से – व्यापारिक सन्नियम से आश्य उन समस्त वैधानिक नियमों, परिनियमों, अधिनियमों एवं उप नियमों से है जो व्यवसाय के संचालन को नियमित एवं नियंत्रित करने के उद्देश्य से प्रत्यक्ष रूप में लागू होते हैं।
व्यापारिक सन्नियम नियम के अंतर्गत वे नियम शामिल है जो व्यापारियों बैंकरों तथा व्यवसायियों के साधारण व्यवहारों पर लागू होते हैं और जो संपत्ति के अधिकारों एवं वाणिज्य में संलग्न व्यक्तियों के संबंधों से संबंधित हैं। – Prof. A.K. Sen
यह सन्नियम उन सारे नियमों का समूह है जिसमें व्यापारिक संबंधों तथा सभ्य समाज में रहने वाले मानव की Commercial क्रियाओं से संबंधित सिद्धांतों का समावेश हो। – M.J. Sethna
व्यापारिक सन्नियम की वह शाखा का नाम है जो सामान्यतः व्यापारिक लेन-देन में उत्पन्न हुए विवादों पर लागू होते हैं। – Venktesan
उपर्युक्त परिभाषा को अध्ययन करने के पश्चात इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया है कि व्यापारिक अथवा वाणिज्यिक सन्नियम सरकार द्वारा निर्धारित उन नियमों से है जो कि व्यापारिक अथवा वाणिज्य क्रियाओं को नियमित एवं नियंत्रित करते हैं इन नियमों के द्वारा व्यापार या वाणिज्य में संलग्न व्यक्तियों के बीच हुए व्यवहार से उत्पन्न कर्तव्यों अधिकार एवं दायित्वों को निश्चित किया जाता है।