आज के इस पोस्ट में आप जानेगे की उद्यमिता को सृजनशील क्रियाकलाप क्यों समझा जाता है
उद्यमिता व्यवसायिक जगत में जोखिम उठाना, नएपन की तलाश करना, पर्यावरण में मौजूद विभिन्न अवसरों में से अपने लिए लाभदायक अवसर ढूंढने से हैं।
उद्यमिता को एक सृजनशील क्रियाकलाप क्यों समझा जाता है। जिसके निम्नलिखित कारण है। जो कि नीचे इस प्रकार से दिए गए हैं-
1. उद्यमिता अपने सृजनशील के द्वारा ही बेरोजगारी की समस्या व देश की गरीबी को दूर करता है।
2. यह क्रियाकलाप एक बेहतर समाज के लिए आवश्यक है।
3. वैसे कार्य जो संभव नहीं है उद्यमिता अपने सृजनशील क्रियाकलाप से संभव बना देता है ।
4. उद्यमिता हमेशा ही किसी नये क्रियाकलाप को करने के लिए बेचैन रहता है।
उद्यमिता को सृजनशील क्रियाकलाप क्यों समझा जाता है?
प्रवर्तन किसी साहसिक कार्य की प्रथम एवं आधारभूत सीढ़ी होती है। जिस पर चढ़कर उद्यमी नई व्यवसायिक इकाई के स्थापना तक पहुंचता है। इसके द्वारा साहसिक कार्य अपना जीवन ग्रहण करता है और अस्तित्व में आता है। प्रवर्तन की क्रिया का प्रारंभ उस समय से होता है जब कोई उद्यमी किसी साहसिक कार्य को आरंभ करने का विचार करता है और यह उस समय तक चलते – रहता है। जब तक की उद्यमी उस कार्य को पूर्ण रूप से स्थापित नहीं कर देता। यही कारण है कि “उद्यमिता को सृजनशील क्रियाकलाप कहा जाता है”।
उद्यमिता विकास क्या है
यह एक ऐसी परियोजना या कार्यक्रम है ।जिसमें एक उद्यमी को सभी तरह से विकसित बनाना है। यह विकास देश की भविष्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित बातों को शामिल किया जाता है –
1.उद्यमिता विकास उद्यमी की कौशल (Skill)पर बल देता है।
2.नये स्टार्टअप कैसे शुरू करना है।इन सभी का प्रशिक्षण देना ।
3.विषम परिस्थिति में भी लाभदायक अवसर ढूंढना ।
4.entrepreneurship development का मूल उद्देश्य उद्यमी की संख्या में बढ़ोतरी करना है।
5. entrepreneurship development से रोजगार में वृद्धि होती है और बेरोजगारी की समस्या कम होने लगती है।
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