केंद्रीय बैंक के कार्य

बैंक के कई सारे कार्य होते हैं पिछले आर्टिकल में मैंने आपको व्यवसायिक बैंक के कार्य के बारे में बताया हूं। इस आर्टिकल में केंद्रीय बैंक क्या हैं, केंद्रीय बैंक के कार्य को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) किस प्रकार करती हैं। आइए समझते हैं सबसे पहले केंद्रीय बैंक होता क्या हैं।

केंद्रीय बैंक क्या हैं?

इसके संबंध में विभिन्न व्यक्तियों के द्वारा परिभाषा दी गई हैं। किसी ने उसके एक कार्य के आधार पर उसकी परिभाषा दी हैं तो किसी दूसरे ने कार्य को महत्वपूर्ण मानकर इसका अर्थ स्पष्ट किया हैं।

” केंद्रीय बैंक एक ऐसा बैंक है जो साख का नियंत्रण करता हैं।” – Shaw

किसी देश का वह बैंक है जिसे देश में चलन तथा साख की मात्रा नियंत्रित करने का कार्यभार सौंपा जाता हैं। – ” अंतर्राष्ट्रीय भुगतान निपटारा बैंक के अनुसार”

केंद्रीय बैंक एक बैंक है जिसका प्रमुख कर्तव्य मौद्रिक प्रभावों का स्थिरता बनाए रखना हैं। – Kirich and Elkin

केंद्रीय बैंक के तीन प्रमुख कार्य क्या हैं?

इस बैंक के तीन प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं जो नीचे के पंक्ति में कुछ इस प्रकार से दिए गए हैं –

  • नोट जारी करना (note issue)
  • बैंकों के बैंक का कार्य (banker’s bank job)
  • अंतिम ऋण दाता के रूप में कार्य (act as the lender of last resort)

नोट जारी करना (note issue)

पहले नोट जारी करने का कार्य सरकारी केंद्रीय बैंक तथा सभी व्यापारी बैंकों के द्वारा होता था लेकिन लाभ कमाने के दृष्टिकोण से व्यापारी बैंक अधिक मात्रा में नोट जारी कर देते थे जिससे मुद्रास्फीति (Inflation) की स्थिति आ जाती थी। इस कठिनाई को दूर करने के लिए सरकार ने नोट जारी करने का काम स्वयं अपने हाथों में ले लिया और केंद्रीय बैंक के द्वारा नोट जारी करना शुरू कर दिया गया।

बैंकों के बैंक का कार्य (banker’s bank job)

केंद्रीय बैंक अन्य बैंकों के रूप में काम करता हैं। सभी व्यापारिक बैंकों के नगद-कोष का एक निश्चित भाग जो कानून द्वारा निर्धारित रहता है वह अपने पास सुरक्षित रखते हैं। व्यापारिक बैंकों के बिलों का आवश्यकतानुसार पुर्नबटा (rediscount) करता हैं। उसकी सरकारी प्रतिभूतियों की जमानत पर ऋण भी देता हैं। उन्हें आर्थिक सलाह भी प्रदान करता है तथा उनके धन को एक स्थान से दूसरे स्थान भेजने की भी व्यवस्था करता हैंं।

अंतिम ऋण दाता के रूप में कार्य (act as the lender of last resort)

व्यापारिक बैंकों को जब कहीं से ऋण (Loan) नहीं मिल पाता है तो ऐसी स्थिति में केंद्रीय बैंक अंतिम ऋण देता हैं। Loan अल्पकालीन हीं होता है जो 3 महीने तक चुकाया जाता हैं। व्यापारिक बैंकों के बिल के पुर्नबट्टा कर तथा सरकारी प्रतिभूतियों की जमानत पर ही केंद्रीय बैंक व्यापारिक बैंकों को ऋण देता हैं।

इन सभी के अलावा केंद्रीय बैंक के प्रमुख कार्य –

  1. सूचनाओं एवं आंकड़ों का एकत्रीकरण एवं प्रकाशन
  2. देश के बहुमूल्य धातुओं का संरक्षक
  3. साख का नियंत्रण संबंधित कार्य
  4. देश के अंतरराष्ट्रीय कोष का संरक्षक