नए उपक्रम के चुनाव में साहसी को किन किन बातों पर ध्यान देना चाहिए

किसी व्यक्ति या साहसी द्वारा एक सही व्यवसाय (उपक्रम) का चुनाव ही उसे भविष्य में मालामाल कर सकता हैं। इसके लिए नए उपक्रम के चुनाव में साहसी को किन- किन बातों पर ध्यान देना चाहिए वह काफी महत्वपूर्ण बिंदु हैं। इस पोस्ट में आप एक नए व्यवसाय शुरू करते समय किन- किन बातों पर ध्यान देना चाहिए इसके बारे में जानेंगे।

नए उपक्रम के चुनाव में साहसी को किन-किन बातों पर ध्यान देना चाहिए

जैसा कि मैं आपको बताना चाहूंगा साहसी को कभी भी जल्दबाज़ी में आकर उपक्रम का चुनाव नहीं करना चाहिए बल्कि काफी सोच समझ कर करना चाहिए। सही उपक्रम का चुनाव ही आपको अधिक लाभ देगा। व्यवसायिक उपक्रम कई रूपों में होते हैं जैसे कि- एकाकी व्यापार, साझेदारी व्यापार, संयुक्त हिंदू परिवार व्यापार तथा सहकारी समिति आदि।
एक साहसी को अपनी आवश्यकता के अनुसार व्यवसायिक उपक्रम का चुनाव करना चाहिए। इसके लिए साहसी को निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए जो इस प्रकार से दिए गए हैं-

1. स्थापना में सुविधा
2. प्रत्यक्ष नियंत्रण
3. संचालन या परिचालन का क्षेत्र
4. पूंजी की उपलब्धता
5. गोपनीयता (रहस्य)

1. स्थापना में सुविधा – यदि साहसी ऐसा उपक्रम की स्थापना करना चाहता है जिसे बहुत ही आसानी से व शीघ्र ही किया जा सके तो साहसी को एकाकी व्यापार का चुनाव करना चाहिए। यदि वह साझेदारी व्यापार को स्थापित करना चाहता है तो उसे साझेदार तथा पंजीकरण की आवश्यकता होगी। जिसके लिए काफी अधिक समय लगता है। कुल मिला- जुला कर कहा जाए तो एकाकी व्यापार की स्थापना शीघ्र व आसानी से किया जा सकता हैं।

2. प्रत्यक्ष नियंत्रण – प्रत्यक्ष नियंत्रण से आशय किसी वस्तु या चीज पर स्वयं का कंट्रोल। साहसी ऐसे व्यापार को स्थापित करना चाहता है जिस पर उसका खुद का नियंत्रण हो, दूसरे का हस्तक्षेप नहीं तो उसे एकाकी व्यापार का चुनाव करना चाहिए।

3. संचालन या परिचालन का क्षेत्र – यदि व्यापार का क्षेत्र सीमित हो अर्थात वह छोटे पैमाने पर चलाना हो तो एकाकी व्यापार का चुनाव किया जाना चाहिए परंतु यदि व्यापार का क्षेत्र विस्तृत हो अर्थात उसे बड़े पैमाने पर चलाना हो तो कंपनी व्यापार का चुनाव करना चाहिए।
(छोटे पैमाने पर यानी कि Local Level पर बड़े पैमाने पर यानी कि National and International Level पर)

4. पूंजी की उपलब्धता – यह सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है किसी भी नए उपक्रम या व्यवसाय की स्थापना से पहले। यदि व्यापार के लिए आवश्यक पूंजी की पूर्ति व्यापारी अपने निजी स्त्रोत से कर सकता है तो एकाकी व्यापार का चुनाव करना चाहिए अन्यथा साझेदारी या संयुक्त पूंजी कंपनी का चुनाव किया जाना चाहिए।

5. गोपनीयता (रहस्य) – यदि साहसी अपने व्यापार का रहस्य किसी को बताना नहीं चाहता है तो उसे एकाकी व्यापार का स्वरूप चुनना चाहिए।

नया व्यवसाय शुरू करते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए

काम कोई भी क्यों ना हो चाहे वह बोर्ड एग्जाम की तैयारी करना हो, क्रिकेट खेलना हो, नए भवन का निर्माण करना हो तथा एक नया व्यवसाय शुरू ही क्यों ना करना हो इन सभी कार्य को करने से पहले निम्न बातों पर ध्यान देना आवश्यक होता है तभी ही हम उन में सफल हो सकते हैं। जैसा कि मैंने आपको 5 बातें ऊपर बताया हैं।

1. व्यवसाय के प्रकार
2. व्यवसाय का आरंभ
3. सरकारी नियम
4. स्थायित्व
5. बाजार में मांग

1. व्यवसाय के प्रकार एक व्यक्ति को व्यवसाय के प्रकार पर ध्यान देना चाहिए। उसे इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि वह किस Type के व्यवसाय की स्थापना करना चाहता हैं।

2. व्यवसाय का आरंभ – किसी व्यक्ति द्वारा अपने व्यवसाय का आरंभ करने से पहले उसको व्यापार में कौन-कौन से संसाधन की आवश्यकता होगी उस पर विचार कर लेना चाहिए। उसके बाद ही व्यवसाय को आरंभ करना चाहिए।जैसे- मशीन, फर्नीचर, मजदूर, माल कहां से आएगा आदि।

3. सरकारी नियम – कोई भी व्यवसाय सरकार के नियम से अलग रखकर नहीं किया जा सकता हैं। आप जो भी व्यवसाय करेंगे उस पर सरकार का नियम लागू होगा। ऐसे मेंआप यदि एकाकी व्यापार का चुनाव करते हैं तो इस पर सरकार का नियंत्रण कुछ कम होता है।

4. स्थायित्व – स्थायित्व से आशय यह है कि यदि आप कोई व्यापार करते हैं और आपके साथ कोई घटना घट जाती है और आप दोबारा व्यवसाय करने के लायक नहीं होते हैं तो उस स्थिति में आपका व्यवसाय बंद हो जाएगा। यदि आप व्यवसाय को चालू रखना चाहते हैं यानी कि व्यवसाय में स्थायित्व लाना चाहते हैं तो आपको संयुक्त पूंजी कंपनी वाला व्यवसाय का चुनाव करना चाहिए।

5. बाजार में मांग – आपको नया व्यवसाय शुरू करते समय यह देखना चाहिए कि आप जिस बिजनेस को शुरू करना चाहते हैं उस वस्तु का बाजार में क्या मांग हैं।

व्यवसाय प्रारंभ करते समय ध्यान रखने योग्य बातें समझाइए

आपको ऊपर जितने भी पॉइंट बताए गए हैं सभी व्यवसाय को प्रारंभ करते समय ध्यान देने योग्य बातें हैं। यदि आप ऊपर इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए अपने व्यवसाय को प्रारंभ करते हैं तो आप अवश्य ही अपने व्यवसाय में सफल होंगे और भविष्य में अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर पाएंगे।

उपक्रम का चुनाव किन किन बातों पर निर्भर करता हैं

उपक्रम का चुनाव उत्पाद की प्रकृति, उत्पाद की मात्रा, साहसी की स्वयं की योग्यता, उसकी क्षमता, लगन,मेहनत, बुद्धिमानता तथा सामर्थ्य आदि बातों पर निर्भर करता हैं।