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आज के समय में लेखांकन का उपयोग इतना अधिक बढ़ गया है। जिससे कि सिर्फ व्यापारी ही नहीं, सरकार, आम जनता, निवेशक Investor , विद्यार्थी तथा अन्य पक्षों ke लोगों को भी लाभ हो रहा है। इस प्रकार से लेखांकन का  निम्नलिखित लाभ है। जो कि नीचे इस प्रकार से दिए गए हैं-

लेखांकन के लाभ

1.ऋण लेने में सहायक
2.तुलना में सहायता करना
3.कर निर्धारण में सहायक
4. न्यायालय में प्रमाण
5. प्रबंधक तथा कर्मचारियों को निर्णय में सहायक

1.ऋण लेने में सहायक – व्यवसाय का  विस्तार व सफल बनाने के लिए एक व्यवसायी को पैसे की आवश्यकता होती है और साथ ही व्यवसाय को सही ढंग से संचालित करने के लिए भी ऋण की आवश्यकता पड़ती है। यदि वह व्यापारी अपने व्यापार का हिसाब -किताब सही ढंग से रखता है तो उसे किसी वत्तीय संस्था या बैंकों द्वारा ऋण लेने में सुविधा होती है। यह लेखांकन का प्रथम लाभ है।

2.तुलना में सहायता करना– लेखाकर्म  की सहायता से ही विभिन्न वर्षो के लेखे की तुलना एक व्यापारी या कर्मचारी द्वारा किया जाता है। जिसके आधार पर वह कई सूचनाएं (Information) प्राप्त कर पाता है और इससे वह आगे की कार्यवाही शुरु करता है। इससे वह भविष्य में उन्नति या विस्तार की योजनाएं बनाकर लाभ में बढ़ोतरी कर सकता है और साथ ही होने वाले हानियों से बचने के लिए भी आवश्यक कदम उठा सकता है।यह लेखांकन का द्वितीय लाभ है।

लेखांकन का  अन्य प्रॉफिट 

3. कर निर्धारण में सहायक – जैसा कि आपको पता होगा कि एक व्यापारी समाज का अहम् हिस्सा होता हैं। उसे समाज के अन्दर ही व्यवसाय का संचालन करना होता हैं। इसके लिए व्यापारी सरकार को कई तरह के Tax चुकाते हैं। जैसे- Income Tax, Sale Tax , Manufacturer Tax , Entertainment Tax , Estate tax आदि। इन करो के निर्धारण में लेखांकन से सहायता मिलती हैं । यदि उचित लेखांकन नहीं किया गया होगा तो मनमानी सरकार Tax वसूल कर सकती हैं।यह लेखांकन का तृतीय लाभ है।

4. न्यायालय में प्रमाण – व्यवसायी जगत में झगड़ा होना आम बात हैं। यदि किसी कारण झगड़ा भी हो गया है तो उस स्थिति में लेखांकन को प्रमाण (Evidence)के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। यह लेखांकन की सबसे महत्वपूर्ण लाभ है।

5. प्रबंधक तथा कर्मचारियों को निर्णय में सहायक – जो व्यापारी अपने व्यापार में लेखांकन पद्धति का इस्तेमाल करते हैं। उस व्यवसाय के कर्मचारियों द्वारा निर्णय लेने में सहायता मिलती है । जैसे- वित्तीय लेखों से कर्मचारियों के Salary, Bonus, भत्ते आदि।

लेखांकन के दो लाभों का वर्णन कीजिए

लेखांकन के दो लाभ नीचे इस प्रकार से दिए गए हैं-
1.कोई भी व्यापारी कितना भी पढ़ा- लिखा क्यों ना हो। व्यापार (Business) में प्रतिदिन हजारों से भी अधिक संख्या में लेन-देन होते हैं ।उन सभी सौदों को याद रख पाना संभव नहीं है। लेखांकन इस कमी (अभाव)को दूर कर देता है । यह लेखांकन का प्रथम लाभ है।

2. किसी भी व्यवसाय को बेचने के लिए सही मूल्यांकन उपलब्ध कराना लेखांकन का दूसरा लाभ होता है।

उम्मीद है की आप को यह पोस्ट पसंद आया होगा । इस पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए आपका धन्यबाद !

 

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