उपभोक्ता संरक्षण त्रिस्तरीय तंत्र – Consumer Protection Three Tier In Hindi

Share

अब के मन यह सवाल अवश्य ही आया होगा कि उपभोक्ताओं के साथ काफी अधिक धोखाधड़ी, कालाबाजारी, मिलावटी,ठगी आदि दुकानदारों के द्वारा किया जाता है। क्या उपभोक्ता अपने शिकायतों को दर्ज कर सकता है ? यदि हां, तो वह अपनी शिकायतों को कहां दर्ज कर सकता है। इसके लिए कोई तंत्र की व्यवस्था की गई है क्या? उपभोक्ता संरक्षण त्रिस्तरीय तंत्र

आज के इस पोस्ट में आप जानेंगे कि उपभोक्ता संरक्षण त्रिस्तरीय तंत्र क्या है, जिला उपभोक्ता फोरम क्या है विशेषताएं व जिला उपभोक्ता फोरम में सदस्य कितने हैं, राज्य अयोग्य व उसकी विशेषताएं हैं तथा राष्ट्रीय आयोग व उसकी विशेषताएं तो चलिए जानते हैं उपभोक्ता संरक्षण त्रिस्तरीय तंत्र के बारे में।

उपभोक्ता संरक्षण त्रिस्तरीय तंत्र

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत उपभोक्ताओं के विवादों व समस्याओं का निपटारा करने के लिए उपभोक्ता संरक्षण त्रिस्तरीय न्यायिक तंत्र की व्यवस्था की गई है। जो कि नीचे इस प्रकार से दिए गए हैं-
1.जिला मंच (Distric Forum)
2.राज्य आयोग (State Commission)
3.राष्ट्रीय आयोग (National Commission)

 जिला उपभोक्ता फोरम क्या है

जिला उपभोक्ता फोरम को ही ‘जिला मंच’ कहा जाता है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के प्रावधानों के अनुसार इस मंच की स्थापना जिला स्तर पर किया गया है।जिला स्तर पर  जितने भी उपभोक्ताओं के विवाद या फिर समस्याएं होती हैं उन सभी का समाधान इसी मंच के अंतर्गत किया जाता है। इसके अंतर्गत 2,00,000 लाख रुपए तक के दावे तक सुनवाई की जाती है । कोई भी व्यक्ति जो जिला मंच के आदेश से पीड़ित है। वह राज्य आयोग के समक्ष जिला मंच के आदेश के विरुद्ध अपील कर सकता है। पर शर्त यह हैं कि आदेश की तिथि से 30 दिनों के अंदर निर्धारित प्रारूप एवं विधि से करना होगा।

जिला मंच की विशेषताएं
जिला मंच की विशेषताएं निम्नलिखित है। जो कि नीचे के पंक्ति में दिए गए हैं –
1. जिला मंच में ₹2,00,000 लाख तक के राशि के विवादों से संबंधित शिकायतों का समाधान किया जाता है।
2. इसकी स्थापना जिला स्तर (District level)पर की जाती है।
3. शिकायत दर्ज होने पर इस बात की सूचना विरोधी पक्षकार यानी कि व्यक्ति को भेज दी जाती हैं।
4. शिकायत, उपभोक्ता द्वारा अथवा उपभोक्ता संघ द्वारा की जा सकती है।
5. यदि शिकायत करने के बाद भी वह व्यक्ति जिला फॉर्म (District Forum) के निर्णय से संतुष्ट ना हो तो वह राज्य आयोग के समक्ष अपील कर सकता हैं।
6. राज्य आयोग में अपील करने के लिए उसे 30 दिन के अंदर ही करना होगा।

जिला मंच में सदस्यों की संख्या कितनी है

इसमें एक अध्यक्ष सहित तीन सदस्य होते हैं। जिनमें से एक स्त्री (Female) सदस्य का होना अनिवार्य है। सदस्यों का चयन राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। अध्यक्ष के लिए व्यक्ति में जिला न्यायाधीश की योग्यता होना अहम् जरूरी है।

2.राज्य आयोग (State Commission)

– राज्य आयोग की स्थापना उपभोक्ताओं की समस्या एवं विवादों को दूर करने के लिए राज्य स्तर पर बनाया गया है । इस आयोग के अंतर्गत उपभोक्ताओं के ₹2,00,000 लाख रुपए से अधिक तथा ₹1,00,00,000 करोड़ रुपए तक के दावे के संबंध में सुनवाई की जाती है। यह संबंधित राज्य में स्थित जिला मंच के आदेश के विरूद्ध की गई अपील की सुनवाई एवं निर्णय देने के लिए अधिकृत है।

राज्य आयोग की विशेषताएं
राज्य आयोग की विशेषताएं निम्नलिखित हैं। जो इस प्रकार से दिए गए हैं-
1. राज्य आयोग मे ₹2 लाख रुपए से अधिक तथा ₹1करोड़ रुपए तक की राशि के विवाद से संबंधित सुनवाई की जाती है ।
2. यदि आवश्यकता पड़े तो वस्तु का जांच भी कराया जाता है।
3. शिकायत दर्ज होने पर इसकी सूचना विरोधी पक्षकार यानी कि उस व्यक्ति को भेज दी जाती है।
4. यदि कोई व्यक्ति राज्य आयोग के निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो व राष्ट्रीय आयोग के समक्ष अपील कर सकता है।
5. राष्ट्रीय आयोग के समक्ष अपील करने के लिए उसे 30 दिन के अंदर ही करना होगा।

राज्य आयोग में सदस्यों की संख्या कितनी है

इसमें  भी जिला मंच के तरह ही एक अध्यक्ष सहित तीन सदस्य होते हैं। जिनमें से एक स्त्री (Female) सदस्य का होना अनिवार्य है। सदस्यों का चयन राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। अध्यक्ष के लिए उस व्यक्ति में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की योग्यता होना जरूरी है।

3.राष्ट्रीय आयोग (National Commission)-

राष्ट्रीय आयोग की स्थापना केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्र स्तर पर की गई है। जिसमें ₹1 करोड़ रुपये से अधिक के विवादों के संबंध में निर्णय लिया जा सकता है ।यह, राज्य आयोग के निर्णय के विरुद्ध अपील पर सुनवाई भी कर सकता है।

राष्ट्रीय आयोग की विशेषताएं
राष्ट्रीय आयोग की विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
1. इस आयोग में एक करोड़ रुपए से अधिक राशि के विवादों से संबंधित निर्णय लिया जाता है।
2. राष्ट्रीय आयोग द्वारा दोषी पक्ष कार को राज्य आयोग की भांति ही एक या उससे अधिक आदेश दिए जा सकते हैं।
3. शिकायत दर्ज होने पर इस बात की सूचना विरोधी पक्ष कार को भेज दी जाती हैं।
4. यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रीय आयोग के निर्णय से संतुष्ट ना हो तो ना होतो वह उच्चतम न्यायालय (High Court) के समक्ष अपील कर सकता हैं ।
5. उच्चतम न्यायालय के समक्ष अपील करने के लिए उसे 30 दिन के अंदर ही करना होगा।

राज्य आयोग में सदस्यों की संख्या कितनी है

राज्य आयोग में एक अध्यक्ष सहित पांच सदस्य होते हैं। जिनमें से एक महिला सदस्य का होना अत्यंत आवश्यक(अनिवार्य ही) है ।सदस्यों की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है ।अध्यक्ष केवल उसी व्यक्ति को चुना जा सकता है। जिसमें उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की योग्यता विद्यमान हो।

कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर क्या हैं

उपभोक्ता का दुकानदार के प्रति यदि कोई भी शिकायत है तो वह अपनी बातों को हेल्पलाइन नंबर के जरिए शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए उनको 1800 1140 00 या 14404 पर कॉल करना होगा। जागो ग्राहक जागो
सभी राष्ट्रीय छुट्टी को छोड़कर आप इस नंबर को सुबह 9:30AM बजे से लेकर 5:30 PM बजे तक कर सकते हैं।
Official Website – www.consumerhelpline.gov.in हैं और अधिक जानकारी आप इस साइट से प्राप्त कर सकते हैं।

इसे भी पढ़े –  उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 क्या है

Leave a Comment