किराया क्रय पद्धति

किराया क्रय पद्धति (Hire Purchase System)

किराया क्रय पद्धति एक ऐसी पद्धति हैं जिसमें एक समझौते (Agreement) या अनुबंध के आधार पर क्रेता माल का मूल्य नकद में न चुकाकर किस्तों में भुगतान करने का वादा करता हैं। इस पद्धति में माल को क्रेता को सौंप दिया जाता हैं लेकिन माल का स्वामित्व विक्रेता के पास ही रहता हैं। क्रेता को माल की सुपुर्दगी के साथ ही उसको प्रयोग करने का अधिकार दे दिया जाता हैं। जब तक क्रेता द्वारा अंतिम किस्त का भुगतान नहीं कर दिया जाता हैं तब तक क्रेता उस वस्तु का मालिक नहीं हो सकता हैं। यदि क्रेता किस्तों का भुगतान करने में देरी या चूक करता हैं तथा पुरी किस्तों का भुगतान नहीं कर पाता हैं तो भुगतान की गई किस्तों को जब्त कर लिया जाता हैं और उसे किराया (Hire Charges) शुल्क मान लिया जाता हैं। इसलिए इस पद्धति को “किराया क्रय पद्धति” (Hire Purchase System) कहा जाता हैं।

उदाहरण – अजय ने एक कार किस्त पर लिया। जिसका मुल्य ₹5,00,000 लाख हैं। अनुबन्ध के अनुसार उसे किस्त वार्षिक देना हैं। 5 साल तक ₹1,00,000 लाख रुपये । अजय ने दो साल किस्त भर दिए लेकिन तीसरे साल उसने नहीं भरा । परिणामस्वरूप अजय की कार जब्त कर ली गई और उसके द्वारा जमा किए गए पैसे को किराया शुल्क मानकर रख लिया जाता हैं।

किराया क्रय पद्धति की विशेषताएँ Features of Hire Purchase System

1. समझौता या अनुबंध का होना (Compromise or contract) – यह एक ऐसा पद्धति हैं जिसमें वस्तुओं के क्रय और विक्रय के लिए क्रेता (खरीदने वाला व्यक्ति) और विक्रेता (बेचने वाला व्यक्ति) के बीच समझौता होता है।

2. भुगतान किस्तों में होना (Payment Is Made in installment) – इस पद्धति के अन्तर्गत क्रेता द्वारा खरीदे गए समान (Goods) का भुगतान एक ही बार में ना देकर किस्तों में देना होता हैं। किस्तों का भुगतान वार्षिक, छमाही, तिमाही तथा मासिक हो सकता हैं।

3. विक्रेता को माल वापस लेने का अधिकार – यह एक ऐसी प्रणाली हैं जिसमें क्रेता द्वारा किस्तों का भुगतान नहीं करने पर विक्रेता द्वारा माल को जब्त कर लिया जाता हैं और उसके बदले में क्रेता को कुछ भी वापस नहीं किया जाता हैं।

4. गारंटी देने वाले से राशि का वसूल करना – अगर इस तरह के समझौते में कोई गारंटी देने वाला हैं और समय से किस्तों का भुगतन नहीं हुआ है और साथ ही सभी क्रियाएँ असफल हो गयी हैं। तब उस Condition में विक्रेता गारंटी देनेवाला व्यक्ति से वसूली कर सकता हैं।

6. जब तक क्रेता द्वारा अन्तिम किस्त की राशि भुगतान नहीं कर दिया जाता हैं। तब तक वस्तु को संभालकर रखना क्रेता की जिम्मेदारी होती हैं।

7.इस पद्धति मे समझौता करते समय या माल की सुपुर्दगी देते समय क्रेता, विक्रेता को एक निश्चित राशि का भुगतान करता हैं जिसे Cash Down या Initial Payment कहा जाता हैं।

किराया क्रय पद्धति के लाभ

इस पद्धति Hire Purchase System से निम्नलिखित को लाभ होता हैं। जो कि इस प्रकार से दिए गए है-
A. क्रेता
B.विक्रेता
C.समाज

A. क्रेताओं को लाभ हायर परचेज सिस्टम से
a. जो व्यक्ति मध्यम एवं निम्न वर्ग के हैं। जो मूल्यवान वस्तुओं को खरीदने में समर्थ नहीं हैं इस प्रणाली के जरिए वह उन सभी मूल्यवान वस्तुओं को ले सकते हैं। जैसे- कार,मोबाइल, गाड़ी,वाटर मोटर,मोटरसाइकिल आदि।

B.विक्रेता को लाभ हायर परचेज सिस्टम से
a. क्रेता और विक्रेता के बीच लगातार लेन-देन होते रहते हैं। जिस कारण से एक घनिष्ठ सम्बन्ध बन जाता हैं।

C.समाज को किस्त पद्धति से लाभ
a. रोजगार में वृद्धि होती हैं।
b. जीवन – स्तर ऊँचा होता हैं।

किराया क्रय पद्धति में विक्रेता माल का बीमा करा सकता हैं

हाँ,बिल्कुल!  इस पद्धति में सम्पूर्ण जोखिम विक्रेता की ही होती हैं। यदि किसी कारणवश क्रेता के अन्तिम भुगतान करने से पहले ही वह वस्तु नष्ट या पुरी तरह से खराब हो जाए तो विक्रेता को ही हानि सहन करना पड़ता हैं। ऐसी स्थिति ना आए इसके लिए विक्रेता माल या सम्पत्ति का बीमा कराता हैं। चुँकि यह हानि क्रेता द्वारा माल के उपयोग करने से होता हैं।
अतः इस बीमा किस्त के भुगतान का दायित्व क्रेता पर भी होता हैं। इस सम्बंध में कुछ प्रविष्टियाँ की जाती हैं। जो इस प्रकार से हैं-

A.क्रेता के पुस्तक में In the books of Hire Purchaser

१. Insurance Premium A/C                             Dr…
To Hire Vendor A/C
(Being Insurance premium due)

२. Profit and Loss A/C                                      Dr…
To Insurance Premium A/C
(Being transfer made)

 

B.विक्रेता के पुस्तक में In the books of Hire Vendor)

१. Insurance Premium A/C                              Dr…
To Cash/Bank A/C
(Being payment of insurance Premium)

२. Hire Purchaser A/C                                        Dr…
To Insurance Premium A/C
(Being charging of insu. pre. From Hire purchaser)