इस पोस्ट में आपको अंतिम खाते व प्रारूप को पूरे विस्तार से बताया गया हैं। प्रत्येक व्यवसायी अपने व्यापार में हुए वित्तीय लेन-देन का लेखा रखते हैं तथा वर्ष के अंत में अंतिम खाते निम्न उद्देश्यों के लिए बनाते हैं जो आगे की पंक्ति में विस्तारपूर्वक दिया गया हैं।
वित्तीय विवरण क्या हैं? | Final Account In Hindi
वित्तीय विवरण से आश्य लेखांकन की अंतिम प्रक्रिया से हैं। यह एक ऐसा विवरण या प्रपत्र होता है जिसमें वित्तीय (मुद्रा के रूप में) सूचनाओं का वर्णन रहता है। यह त्रैमासिक, अर्धवार्षिक या वार्षिक के आधार पर बनाए जाते हैं। इसके अंतर्गत तीन खाते खोले जाते हैं- Trading Account, Profit & Loss Account और Balance Sheet । निर्माण कंपनी ऊपर के खाते के अलावा निर्माण खाता भी बनाती है।
अंतिम खाता का अन्य नाम – एक साधारण आसान भाषा में समझे तो एक व्यक्ति के कई नाम होते हैं जिससे उसकी पहचान की जाती है ठीक वैसे ही अंतिम खाते के कई नाम है- वित्तीय विवरण, अंतिम विवरण, अंतिम खाते, फाइनल अकाउंट तथा वित्तीय खाते ।
मेयर के शब्दों में – वित्तीय विवरण व्यापारिकों प्रतिष्ठानों के खातों का सारांश प्रस्तुत करता हैं और आय विवरण एक निश्चित समय अवधि के क्रियाकलाप को प्रदर्शित करता हैं।
वर्ष भर के निष्कर्ष निकालने के लिए लाभ-हानि व व्यापारिक स्थिति ज्ञात करने के लिए जो खाते तैयार किए जाते हैं उन्हें “अंतिम खाते” कहा जाता हैं।
वित्तीय विवरण के उद्देश्य एवं प्रकृति
- किसी भी व्यवसाय की आर्थिक स्थिति की सही जानकारी व उचित स्थिति जानना।
- व्यवसाय के सभी क्रियाकलाप में प्रबंध में मदद करना।
- व्यपार के आर्थिक संसाधनों एवं कर्ज के बारे में वित्तीय आंकड़े उपलब्ध कराना।
- वित्तीय विवरण के उपलब्ध होने से कोई निवेशक उस कंपनी या व्यवसाय में पूंजी निवेश करने का निर्णय लेता हैं।
- दो या दो से अधिक वर्षों की डाटा का विश्लेषण करने में सहायता होती हैं।
- Future में कंपनी कितना Grow करेगा इसकी जानकारी दो वर्षो या अधिक वर्षों के डाटा एनालिसिस करने पर ही पता चलता हैं।
- वित्तीय विवरण के होने से अन्य व्यक्ति का भी विश्वास उस कंपनी के प्रति बना रहता है।
वित्तीय विवरण के महत्व
आप इतना समझिए इस संसार में कोई भी वस्तु व्यर्थ नहीं है उसका कुछ ना कुछ महत्व अवश्य है। अंतिम खाते के महत्व निम्नलिखित हैं-
- वित्तीय विवरण का महत्व व्यवसाय के भविष्य के पूर्वानुमान में किया जाता हैं।
- वित्तीय विवरण को तैयार करने से व्यापारी को इस बात का ज्ञान रहता है कि उसके बिजनेस में लाभ हुआ है या घाटा लगा हैं।
- Gross Profit हुआ Net Profit निकालने में सुविधा होती हैं।
- इससे बेचे गए माल की लागत या विक्रय लागत के डिटरमिनेशन में मदद मिलती हैं।
- फाइनल अकाउंट से व्यवसाय में कितनी पूंजी बची है, कितना निवेश हुआ, निकासी हुई आदि सभी का ज्ञान हो पाता हैं।
- टैक्स अधिकारियों को Evidence के रूप में प्रस्तुत किया जाता हैं।
- इस विवरण को रखने से मैनेजमेंट में काफी सहायता मिलती हैं।
अंतिम खाते या वित्तीय विवरण की तैयारी
फाइनल अकाउंट को Trial Balance के आधार पर तैयार किया जाता हैं। तलपट वित्तीय विवरण तैयार करने का मुख्य आधार होता है। साधारण शब्दों में कहा जाए तो तलपट में दी गई सूचनाओं (डेबिट व क्रेडिट पक्ष) से व्यापारिक खाता, लाभ-हानि खाता तथा तुलन पत्र बनाए जाते हैं।
व्यापार खाते का अर्थ | Trading Account Definition
व्यापारिक खाते से आश्य एक ऐसे खाते से है जिससे माल के क्रय- विक्रय के द्वारा Gross Profit/Loss को ज्ञात किया जाता हैं। यह आय विवरण का प्रथम भाग होता है। व्यापार में एक निश्चित समय के अंतर्गत बिजनेस से होने वाले Gross Profit/Loss की जानकारी प्राप्त करने हेतु जिस खाते को तैयार किया जाता है उसे ही “व्यापारिक खाते” कहा जाता हैं। इस खाते को अन्य नाम माल खाता के नाम से जानते हैं।
व्यापार खाते की विशेषता तथा उद्देश्य
- व्यापारी खाता एक Nominal Account हैं जो लाभ हानि खाते का एक भाग हैं।
- इस खाते को तैयार करने का मुख्य उद्देश्य एक विशेष अवधि में संस्था का सकल लाभ/हानि को जानने से हैं।
- व्यापारी द्वारा अंतिम खाते के रूप में इसे सबसे पहले बनाया जाता है।
- इस खाते में जो शेष बचता है उसे सकल लाभ/हानि कहते हैं।
- इसे Goods Account भी कहते हैं क्योंकि इसमें केवल माल संबंधित लेन देन का लेखा किया जाता है।
व्यापार खाते का महत्व
- व्यापारी खाता को तैयार करने से सकल लाभ हानि की जानकारी मिलती है।
- यह स्टाक की स्थिति के विश्लेषण में सहायता प्रदान करता है।
- अप्रत्यक्ष एवं सकल लाभ के अनुपात के निर्धारण में सहायक होता है।
- पिछले कई वर्षों के विक्रय की प्रवृति के आधार पर विक्रय विभाग की कुशलता का मूल्यांकन किया जा सकता हैं।
- यह शुद्ध क्रय तथा Stock की सूचना देता हैं।
व्यापार खाते का प्रारूप
इसमें स्वप्रथम Opening Stock को Dr. पक्ष में लिखा जाता है फिर उसके बाद माल के Purchase व निर्माण से संबंधित सभी मदों को लिखा जाता हैं ठीक इसके विपरीत Cr. पक्ष में Closing Stock एवं Sales को लिखा जाता हैं।
लाभ हानि खाते से आप क्या समझते हैं
एक व्यापारी द्वारा अपने व्यवसाय में हुए सारे वित्तीय लेनदेन से वर्ष के अंत में शुद्ध लाभ अथवा हानि ज्ञात करने के लिए जो खाते बनाए जाते हैं उसे “लाभ-हानि खाता” कहा जाता है। इसके अंतर्गत समस्त आय एवं व्यय को शामिल किया जाता है इसे व्यापार खाते के बाद बनाया जाता है।
इस प्रकार से लाभ हानि खाता किसी कंपनी की पुस्तकों में एक खाता है जो लेखांकन समय का Net Profit/Loss को प्रदर्शित करता हैं।
लाभ-हानि निकालने से व्यवसाय की “शुद्ध लाभ/हानि” का पता चलता हैं।
लाभ और हानि खाते के उद्देश्यों
- यह खाता निश्चित समय के शुद्ध लाभ और शुद्ध हानि को दिखाता हैं।
- इसको लेखांकन के उपार्जन के आधार पर बनाया जाता हैं।
- यह खाता एकाकी व्यापार में दो हिस्सों में होते हैं। पहला भाग में व्यापारी खाता और दूसरा भाग में व्यापार में होने वाली सभी आय तथा व्यय को लिखा जाता हैं।
- इस खाते को बनाने से सभी व्यापारियों को लाभ होता है और अपने व्यवसाय में हुए उतार-चढ़ाव को आसानी से जान पाते हैं।
लाभ हानि खाते का महत्व
यह खाता व्यय पर नियंत्रण करता है चालू यानी कि Present वर्ष के लाभ-हानि के व्यय की तुलना पिछले वर्षों से की जा सकती है तथा प्रत्येक व्यय का शुद्ध लाभ से % भी ज्ञात किया जा सकता हैं। इस प्रकार से इस खाते का होना अधिक महत्व हैं।
लाभ-हानि खाते का प्रारूप हिंदी में
इस खाते में लाभ-हानि से संबंधित मदों को ही इसमें लिखा जाता हैं। डेबिट पक्ष में – Gross Profit/Loss , अप्रत्यक्ष व्यय एवं हानियां (विक्रय , वितरण आदि) क्रेडिट पक्ष में लिखी जाने वाली – Salary, Rent, Commission Received Etc.
बैलेंस शीट In Hindi
Balance Sheet से आश्य एक ऐसी विवरण तैयार करने से है जिससे व्यवसाय की वित्तीय स्थिति का पता चल सकें। इसे लाभ-हानि खाते के तुरंत बाद बनाया जाता हैं।
स्थिति विवरण (B/S) को बनाने का मुख्य उद्देश्य “Financial Position” को ज्ञात करना हैं।
Balance Sheet फार्मूला
Balance Sheet को बनाना काफी आसान है पहली बार आप इसे बनाएंगे तो हो सकता है कि आपको थोड़ा मुश्किल लगे लेकिन जब आपको इसकी आदत हो जाएगी तो यह बिल्कुल आसान हो जाएगा। Balance Sheet को तैयार करने के लिए चार खाने की आवश्यकता होती हैं-
- Capital & Liabilities
- Amount Dr. Side
- Assets
- Amount Cr. Side
आर्थिक चिट्ठा का प्रारूप
लाभ-हानि की गणना करने के साथ-साथ एक उद्यमी के लिए व्यवसाय की आर्थिक स्थिति की जानकारी रखना भी अत्यंत आवश्यक हैं। आर्थिक स्थिति की जानकारी ‘आर्थिक चिट्ठा’ को तैयार करके ही ज्ञात किया जा सकता है इसे व्यवसाय का दर्पण कहा जाता हैं। आर्थिक चिट्ठा में बाएं पक्ष में पूंजी तथा दायित्व एवं दाएं पक्ष में संपत्ति आती है बैलेंस शीट का प्रारूप इस प्रकार से है-