इकहरा लेखा प्रणाली | Single Entry System In Hindi

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व्यवसाय बड़ा हो या छोटा एक व्यापारी के मन में यह सवाल अवश्य आता है आखिर व्यवसाय में कितना लाभ हुआ, बिजनेस की आर्थिक स्थिति कैसी है, हिसाब किताब रखने के लिए इकहरा लेखा प्रणाली या द्वि- अंकन प्रणाली ठीक रहेगा या कोई अन्य प्रणाली। ऐसे तमाम सवाल उसके चारों तरफ घूमते रहते हैं। आज इस पोस्ट में आप इकहरा लेखा प्रणाली अर्थात अपूर्ण लेखा प्रणाली के बारे में विस्तार से जानेंगे।

इकहरा लेखा प्रणाली क्या हैं?(सिंगल एंट्री सिस्टम)

वैसे प्रणाली जो दोहरा लेखा प्रणाली पर पूर्णत आधारित नहीं होती है जिसमें व्यवसाय में हुए वित्तीय लेनदेन को एक पक्ष में या द्वि पक्ष या फिर किसी भी पक्ष में लेखा ही नहीं किया जाता हैं ‘इकहरा लेखा प्रणाली’ कहलाता हैं।

इस प्रणाली को लोगों के द्वारा कई अलग- अलग नाम से जाना जाता हैं जैसे कि अपूर्ण लेखा प्रणाली, इकहरी लेखा प्रणाली तथा सिंगल एंट्री सिस्टम।

विभिन्न विद्वानों के द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण परिभाषाएं-
कोहलर – अपूर्ण लेखा प्रणाली बहीखाता कि वह प्रणाली है जिसमे नियम अनुसार रोकड़ और व्यक्तिगत खाते रखे जाते हैं यह हमेशा अपूर्ण दोहरा लेखा प्रणाली है जो परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तनशील होती हैं।

बाटलीबॉय के शब्दों में – वास्तव में इकहरा लेखा प्रणाली पुस्तपालन की कोई प्रणाली नहीं है बल्कि अपूर्ण रूप से दोहरा लेखा प्रणाली हैं।

वैसी पद्धति जिसमें लेखा एक पक्ष में नहीं किया जाता हैं “इकहरा लेखा प्रणाली” के नाम से जाना जाता हैं। इसमें केवल Personal Account ही खोले जाते हैं। Real Account तथा Nominal Account नहीं खोले जाते हैं।

इकहरा लेखा प्रणाली की विशेषता तथा लक्षण

  • यह प्रणाली Personal Account को सबसे अधिक महत्व देता है। जिसके अंतर्गत Debtors और Creditors के ही खाते खोले जाते हैं।
  • इकहरा लेखा प्रणाली छोटे आकार के व्यवसाय के लिए उपयुक्त हैं।
  • इसमें लेखा अलग-अलग तरीकों से किया जाता हैं। इकहरा लेखा प्रणाली में लेखा दोनों साइड ( Dr. और Cr.), कुछ में एक साइड तथा कुछ लेनदेन ऐसे भी होते हैं जिनका बिल्कुल लेखा नहीं किया जाता हैं।
  • इसमें व्यापारिक और निजी वित्तीय सौदों के लिए रोकड़ बही (Cash Book) रखा जाता हैं।
  • इस प्रणाली में द्वि- अंकन की भांति ही सहायक पुस्तकों का इस्तेमाल किया जाता हैं।
  • अपूर्ण लेखा प्रणाली में सूचनाओं की जानकारी बिल, Voucher आदि की सहायता से रखी जाती हैं।
  • अपूर्ण लेखा प्रणाली को छोटे स्तर के व्यवसाय जैसे कि एकाकी व्यापार व साझेदारी व्यापार द्वारा रखा जाता हैं।
  • इसमें मजदूरी, ब्याज, वेतन आदि से संबंधित किसी भी तरह के खाते नहीं रखे जाते हैं।

इकहरा लेखा प्रणाली के लाभ

  • यह प्रणाली अधिक सस्ती होती है जिस कारण से इसका इस्तेमाल अधिकतर छोटे स्तर के बिजनेसमैन करते हैं।
  • इकहरा लेखा प्रणाली में लोचशील पाया जाता हैं अर्थात किसी व्यवसाय की आवश्यकताओं के अनुसार इसमें आसानी से परिवर्तन किया जा सकता हैं।
  • इस लेखा प्रणाली का इस्तेमाल एक सामान्य व्यक्ति भी कर सकता हैं इसमें लेखांकन से संबंधित अधिक ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती हैं।
  • यह प्रणाली छोटे व्यवसायियों के लिए अधिक सुविधाजनक है क्योंकि इसमें सभी वित्तीय लेन देन का लेखा दोनों पक्ष में नहीं किया जाता हैं।
  • इसमें समय की बचत होती हैं।

 

सिंगल एंट्री सिस्टम के दोष अथवा सीमाएं

किसी भी बिंदु का लाभ है तो उसका हानि भी अवश्य होगा। अपूर्ण लेखा प्रणाली के निम्नलिखित दोष हैं-

  • इसमें केवल Personal Account को ही महत्व दिया जाता हैं। Real और Nominal Account पर ध्यान नहीं दिया जाता हैं।
  • Trial Balance को तैयार करने में काफी कठिनाई होती हैं। कुछ स्थिति में Trial Balance तैयार ही नहीं किए जाते हैं।
  • इसमें लेखा पूरा नहीं होता हैं जिससे छल, कपट, गबन की संभावना बनी रहती हैं।
  • अशुद्धियों का सुधार ना होना इस प्रणाली के अहम् दोष हैं।
  • विभिन्न वर्षो के रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं होने के कारण तुलनात्मक अध्ययन नहीं किया जा सकता हैं।

अपूर्ण / इकहरा लेखा प्रणाली रखने के कारण

  • इस प्रणाली में लाभ हानि की गणना करना आसान होता हैं।
    लेकिन वास्तव आंकड़े प्रदर्शित नहीं करते हैं।
  • यह एक ऐसा प्रणाली है जो व्यवसाय की आवश्यकताओं के अनुसार समायोजित की जाती हैं।
  • अगर किसी व्यक्ति को लेखांकन से संबंधित अधिक जानकारी नहीं है तो वह इस प्रणाली को उपयोग में लाता हैं।
  • इसमें केवल आवश्यक लेन-देन का ही लेखा किया जाता हैं।
  • हिसाब- किताब यानी कि लेखा रखने में कम समय लगता हैं। कारण यह हैं केवल जरूरी ही पुस्तके रखी जाती हैं।

 

 

 

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