व्यष्टि अर्थशास्त्र क्या हैं | Macro Economic In Hindi

CategoriesPrinciple Of Economic

दोस्तों अर्थशास्त्र के अध्ययन एवं विश्लेषण की दो प्रमुख रीतियां है पहला है सूक्ष्म रीति (अणु) तथा दूसरा व्यष्टि रीति (वृहत्)। आज के इस नये आर्टिकल में व्यष्टि अर्थशास्त्र के बारे में जानेंगे।

व्यष्टि अर्थशास्त्र क्या हैं?

व्यष्टि अर्थशास्त्र, अर्थशास्त्र के अध्ययन का वह भाग हैं जो अर्थव्यवस्था के बड़े समूहों की उपयोगी ढंग पर परिभाषा देने का प्रयास करता है और यह स्पष्ट करता है कि समूह किस प्रकार परस्पर संबंधित है और किस प्रकार निर्धारित होते हैं। इस प्रकार से व्यष्टि अर्थव्यवस्था में अंतरराष्ट्रीय व्यापार, विदेशी विनिमय, मौद्रिक नीति, राजस्व रोजगार के सिद्धांत, धन का वितरण, व्यापार चक्र आदि आते हैं।

व्यष्टि अर्थशास्त्र के अंतर्गत संपूर्ण का अध्ययन किया जाता है। जैसे – कुल उपभोग, कुल बचत, कुल रोजगार, कुल विनियोग, कुल राष्ट्रीय आय तथा कुल मांग आदि।

“इस अर्थशास्त्र का अन्य नाम वृहत् अर्थशास्त्र, व्यापक अर्थशास्त्र तथा Macro Economic हैं।”

व्यष्टि अर्थशास्त्र का महत्व

अर्थशास्त्र में प्रत्येक शब्द का एक अपना अलग ही महत्व है जो नीचे वृहत् अर्थशास्त्र के महत्व को दर्शाता है।

  • व्यष्टि अर्थशास्त्र देश में कल्याणकारी राज्य की स्थापना के लिए आर्थिक नीति निर्माण करने में सहायक होता है।
  • यह अर्थशास्त्र अणु – रीति के द्वारा प्रतिपादन नियमों से होने वाली हानियों से बचाता है।
  • वृहत् अर्थशास्त्र देश निर्माण से संबंधित महत्वपूर्ण आर्थिक नीतियों को बनाने में सहायता प्रदान करता है जिससे संपूर्ण समाज का कल्याण होता है।
  • इस अर्थशास्त्र से धन के वितरण, रोजगार उत्पादन जैसे जटिल समस्याओं के समाधान में सहायता मिलती है।

व्यष्टि अर्थशास्त्र की सीमाएं

जैसा कि हम जानते हैं कि अगर किसी चीज का लाभ, महत्व है तो उसके कुछ नुकसान या सीमाएं भी होती हैं इसी तरह से वृहत् अर्थशास्त्र की कुछ सीमाएं हैं जो इस प्रकार से दिए गए हैं –

  • व्यष्टिअर्थशास्त्र में समूह का निर्माण विभिन्न स्वभाव वाले तत्वों से मिलकर होता है जिसके कारण समूह की मापन कठिन हो जाता है।
  • समूह की अपेक्षा उनके खंड अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। इसलिए समूह की इकाइयों को तोड़कर उनको पृथक- पृथक किया जाना चाहिए तभी निष्कर्ष सही निकलेंगे।
  • व्यक्तिगत इकाइयां मिलकर समाज का निर्माण करती है। वृहत् अर्थशास्त्र इनकी उपेक्षा करता है जिससे वृहत् के निष्कर्ष दोषपूर्ण रहते हैं।
  • जो बात व्यक्तिगत रुप से सही हो, आवश्यक नहीं है कि वह सामूहिक रूप से भी सही हो।

अणु ( सुक्ष्म ) अर्थशास्त्र तथा वृहत् ( व्यष्टि )अर्थशास्त्र एक दूसरे के पूरक हैं?

अणु अर्थशास्त्र तथा वृहत् अर्थशास्त्र में वास्तव में कोई विरोध नहीं है अगर आपको एक का ज्ञान है और दूसरे का नहीं है तो आप आधे शिक्षित है। अणु अर्थशास्त्र तथा वृहत् अर्थशास्त्र एक दूसरे से घनिष्ठ रूप से संबंधित हैं। अणु अर्थशास्त्र की समस्याओं को समझने में वृहत् अर्थशास्त्र और वृहत् अर्थशास्त्र की समस्याओं को समझने में अणु अर्थशास्त्र मदद करता है।
अतः दोनों अर्थशास्त्र एक दूसरे पर निर्भर करती हैं।

समष्टि एवं व्यष्टि अर्थशास्त्र में क्या अंतर है?

समष्टि एवं व्यष्टि अर्थशास्त्र में निम्नलिखित आधार पर निम्न अंतर होते हैं –

  1. समष्टि अर्थशास्त्र में योग के प्रत्येक भाग का अलग-अलग अध्ययन करके आर्थिक समस्या का समाधान किया जाता है। जैसे कुल उत्पादन को उपभोग वस्तुएं एवं पूंजीगत वस्तुओं के रूप में अलग-अलग अध्ययन किया जाएगा जबकि व्यष्टि अर्थशास्त्र में हम सामूहिक अध्ययन के आधार पर किसी निष्कर्ष को निकाल लेते हैं उदाहरण के लिए 2014 से 15 में भारत के विदेशी विनिमय को कोष में वृद्धि होने से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि भारत के विदेशी व्यापार में विस्तार हुआ है भले ही किसी वस्तु विशेष का निर्यात कम हुआ हो।
  1. समष्टि एवं व्यापक अर्थशास्त्र में अधिक अंतर विषय सामग्री का नहीं है जितना कि अध्ययन रीति का है। विषय सामग्री को अध्ययनकर्ता सुविधा अनुसार दोनों ही प्रकार के अध्ययन में शामिल कर सकता है जैसे एक उद्योग सूक्ष्म अर्थशास्त्र में जा सकता है लेकिन सुविधा के अनुसार इसे व्यापक अर्थशास्त्र में भी रखा जा सकता है क्योंकि एक उद्योग में बहुत सी फर्मों में होती हैं।
  2. समष्टि अर्थशास्त्र में व्यक्तिगत यार विशिष्ट इकाइयों का अध्ययन किया जाता है जैसे – एक उपभोक्ता, एक वस्तु की कीमत, प्रति व्यक्ति आय आदि।
    जबकि व्यापक अर्थशास्त्र में सामूहिक अध्ययन या समूह के व्यवहार या योग के आधार पर अध्ययन किया जाता है। जैसे राष्ट्रीय आय, कुल रोजगार आदि।

FAQs

प्रश्न संख्या 01 – व्यष्टि अर्थशास्त्र में किसका अध्ययन किया जाता हैं?

उत्तर – व्यष्टि अर्थशास्त्र के अंतर्गत संपूर्ण का अध्ययन किया जाता है। उदाहरण के रूप में – कुल उपभोग, कुल बचत, कुल रोजगार, कुल विनियोग, कुल राष्ट्रीय आय तथा कुल मांग आदि।

प्रश्न संख्या 02 – व्यष्टि अर्थशास्त्र में सम्मिलित होती हैं?


उत्तर – व्यष्टि अर्थव्यवस्था में अंतरराष्ट्रीय व्यापार, विदेशी विनिमय, मौद्रिक नीति, राजस्व रोजगार के सिद्धांत आदि सम्मिलित होती हैं।

About the author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *