संयुक्त साहस और प्रेषण में अंतर

संयुक्त साहस और प्रेषण में निम्नलिखित अंतर होते हैं-

आधार का अंतर

संयुक्त साहस

प्रेषण

परिभाषा

जब दो या दो से अधिक व्यक्ति मिलकर एक निश्चित समय,उद्देश्य के लिए व्यवसाय को शुरू करते हैं तथा एक निश्चित राशि व्यवसाय में विनियोग करते हैं तो ऐसे व्यवसाय को संयुक्त साहस व्यवसाय कहा जाता हैं। इसमें शामिल होने वाले व्यक्ति को 'संयुक्त साहस' कहते हैं।

जब कोई उद्योगपति अपने माल तथा सेवा को बेचने के लिए एजेंटों का सहारा लेता है तो यह माध्यम ही प्रेषण कहलाता हैं।

शामिल व्यक्ति

इसमें शामिल होने वाले व्यक्ति को सह- साहसी Co-Venture के नाम से जानते हैं।

इसमें शामिल होने वाले व्यक्ति को थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता व एजेंट के नाम से जाना जाता हैं।

कमीशन

संयुक्त साहस में सदस्यों को कमीशन नहीं दिया जाता है। 

प्रेषण में जो व्यक्ति माल की बिक्री कराता है उसको कमीशन दिया जाता हैं।

व्यक्तियों की संख्या

इसमें न्यूनतम संख्या दो होती हैं। इनकी संख्या अधिक भी हो सकती हैं।

इसमें दो पक्षकार होते हैं- प्रेषक और प्रेषिती।

भूमिका

सह-साहसी की भूमिका प्रधान व एजेंट दोनों की होती है । 

इसमें प्रेषक एवं प्रेषिती जिन्हें प्रधान व प्रतिनिधि की भूमिका निभानी होती हैं।

अधिकार

सह-साहसी को माल के क्रय-विक्रय व Debtor's से वसूली के पूर्ण अधिकार होते हैं।

प्रतिनिधि होने के नाते प्रेषिती को प्रधान के निर्देशों के अनुसार कार्य करना होता हैं।


लाभ का विभाजन

संयुक्त साहस में लाभ का बंटवारा सह-साहसियों के बीच हुए आपसी समझौते के अनुसार किया जाता हैं। 

हैं। इसमें लाभ के विभाजन का प्रश्न ही नहीं उठता है संपूर्ण लाभ प्रेषक को ही मिलता है।


हानि की जिम्मेदारी

इसमें हानि होने पर सभी सह-साहसियों की जिम्मेदारी होती हैं।

इसमें केवल प्रेषक की जिम्मेदारी होता है क्योंकि प्रेषक ही केवल माल का मालिक होता है।


मालिक


इसमें सभी सह-साहसियों संयुक्त साहस के माल के मालिक होते हैं।

इसमें केवल प्रेषक ही माल का मालिक होता है।

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