आप जो भी कार्य करते हैं, जिस तरीके से करते हैं, वह सही ही होता है। क्या आपने इस पर विचार किया है? इस आर्टिकल में अंकेक्षण (Auditing) किसे कहते हैं, विशेषताएं, मुख्य उद्देश्य आदि विभिन्न बिंदुओं के बारे में चर्चा किया गया है।
अंकेक्षण को अंग्रेजी में Auditing कहा जाता है जो लैटिन भाषा के आडिरे (Audire) से बना है जिसका अर्थ होता है- सुनना ।
अंकेक्षण किसे कहते हैं?
एक व्यक्ति के द्वारा पुस्तपालन एवं लेखाकर्म के अभ्यंतर की गई लेखों की शुद्धता एवं सत्यता की जांच करना ही “अंकेक्षण” कहलाता है। जो व्यक्ति जांच करता है उसे अंकेक्षक कहते हैं।
इसका संबंध सिर्फ पुस्तकों में की गई लेखों की जांच करना ही नहीं होता है बल्कि यह देखना भी होता है कि वह सही नियम के साथ, सही जगह पर तथा निश्चित समय पर किए गए हैं या नहीं।
सरल शब्दों में ‘अंकेक्षण का आश्य लेखांकन संबंधित पुस्तकों जैसे कि Profit & Loss Account और Balance Sheet तथा उनसे संबंधित प्रपत्र की जांच करना है ताकि इनकी सत्यता नियमनुकूलता तथा पूर्णता के संबंध में जानकारी प्राप्त हो सके।
इसे उदाहरण के माध्यम से काफी अच्छे से समझते हैं –
मान लीजिए कि कोई व्यक्ति बीमार है उसे कौन सी बीमारी है इसे जानने के लिए डॉक्टर के पास वह व्यक्ति जांच कराता है। डॉक्टर संपूर्ण जांच पड़ताल करने के बाद उसको प्रमाण दे देता है, ठीक उसी प्रकार से यह नियम बिजनेस में भी लागू होता है। जब कोई व्यवसायी यह जानकारी प्राप्त करना चाहता है कि उसके द्वारा किए गए लेखा पुस्तक सत्य है या नहीं तो इसके लिए वह अंकेक्षक के पास जाता है। अंकेक्षक पूरी जांच पड़ताल करने के बाद अपना रिपोर्ट व्यापारी को दे देता है। इसी क्रिया को ही अंकेक्षण कहा जाता है।
अंकेक्षण की विशेषताएं
उपरोक्त परिभाषा, उदाहरण के आधार पर अंकेक्षण के निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं –
- अंकेक्षण किसी भी फर्म का किया जा सकता है। चाहे वह सरकारी हो ,अर्द्ध सरकारी हो, व्यापारिक हो आदि।
- एक अंकेक्षक ऐसे व्यक्ति का होना चाहिए जो निस्वार्थ भाव से अपना काम करें। दूसरों के बहकावे में बिल्कुल ना आए।
- पुस्तकों की शुद्धता एवं सत्यता की जांच करने के लिए वाउचर से मिलान करना आवश्यक है।
- अंकेक्षक को इस बात की जानकारी होती है। संस्था के द्वारा तैयार किए गए लेखे सही है या फिर गलत।
- इसकी विशेषता यह भी हैं कि इस कार्य को पूरा करने में अधिक बुद्धि, चलाकी की आवश्यकता पड़ती हैं।
- अंकेक्षक एक निश्चित अवधि की खाता पुस्तकों की जांच से संबंधित होता है।
अंकेक्षक का मुख्य उद्देश्य
- सही , शुद्ध तथा नियम के अनुसार खाते पुस्तकों की जांच निरीक्षण करना।
- प्रमाणकों के आधार पर सभी लेखों की जांच करने पर शुद्ध परिणाम प्राप्त हो जाए जरूरी नहीं है। कुछ खास तथ्यों का स्पष्टीकरण संबंधित व्यक्ति से पूछकर भी करने की आवश्यकता पड़ती हैं।
- इसकी आवश्यकता सभी तरह के व्यवसाय के लिए होती है।
- अंकेक्षण का मुख्य उद्देश्य नियोक्ता या उसके कर्मचारियों द्वारा तैयार किए गए खाते एवं विवरणों का सत्यापन करना है।
Conclusion :
प्रिय पाठक ! अभी इस पोस्ट में अंकेक्षण किसे कहते हैं इससे संबंधित और भी जानकारी बहुत जल्द ही मिलेगा ।
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