अवसर क्या हैं | अवसर से आप क्या समझते हैं?

अवसर क्या हैं यह एक ऐसा शब्द हैं जिसे हर एक व्यक्ति जानना चाहता हैं। अवसर क्या हैं इसका अर्थ बहुत ही सरल हैं। बहुत से लोग के मन मेंं यह प्रश्न होता हैं कि अपॉर्चुनिटी को हिंदी में क्या कहते हैं। Opportunity को हिन्दी में ‘अवसर’ या ‘मौका’ कहा जाता हैं।

Opportunity –
●Idea Which can be converted into business enterprises
●To earn Profit

अवसर की परिभाषा |opportunities meaning in hindi

अवसर का अर्थ वर्तमान परिस्थिति के संयोग से लाभ उठा लेना है। अवसर का यह संयोग प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में आता है, कुछ लोग इसे पहचान कर इससे लाभ उठा लेते हैं और बाकी लोग चुपचाप बैठे रह जाते हैं । अवसर में स्थायित्व नहीं होता हैं। यह कुछ दिनों के लिए आता है और फिर चला जाता।

अवसर की उत्पत्ति

ऐसे तो समाज का हर व्यक्ति विक्रेता होता ही है , भले ही कोई वस्तु बेचता है तो कोई अपनी सेवाएं देता है। वस्तु बेचने वाला व्यक्ति दुकानदार या व्यापारी कहलाता है तथा सेवा बेचने वाला व्यक्ति पेशेवर कहलाता है । इन दोनों की सफलता अवसर की उचित तलाश पर ही निर्भर करती है।

उदाहरण– किसी सुदूर गांव में एक व्यक्ति द्वारा मोटर पार्ट्स की दुकान खोलना या किसी मोटर मैकेनिक द्वारा यहां मोटर मरम्मत का कारोबार करना उसकी अवसर के प्रति अज्ञानता का परिचालक है। अतः साहसी को हर हालत में अवसर का बोध और ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है। अब प्रश्न यह है कि अवसर क्या है?

अवसर की पहचान Opportunity Identification

अवसर की पहचान क्या है-एक व्यक्ति के लिए अवसर के पहचान का ज्ञान होना अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। जिस व्यक्ति ने समय रहते हुए अवसर की पहचान कर लिया वह जिंदगी में हमेशा सफलता को प्राप्त कर पाएगा। कॉमर्स के दृष्टिकोण से – उद्यमिता और अवसर की खोज और उसके दोहन से संबंधित है। उद्यमी एक व्यक्ति है जो विचारों को जन्म देता है । वातावरण में से छिपी हुई अवसर की खोज करता है । परंतु हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हर विचार को हम वास्तविकता में नहीं बदल सकते हैं। स्पष्ट है कि किसी नए विचार को व्यवसाय में बदलने से पहले अवसर की गहनता से जांच कर लेनी चाहिए । यदि उद्यमी नए अवसर को बिना जांच किए हुए व्यवसाय में लागू करता है तो उसके लिए यह असफलता का कारण हो सकता है।

अवसर कहां छिपा होता है?

अवसर हर एक जगह होता है। बस इसे पहचान कर इससे लाभ उठा लेने की देरी होती है। इसे समय रहते हुए जो व्यक्ति पहचान लेता है वह उससे लाभ ले लेता है और जो नहीं पहचानता है वह हाथ धरे बैठे ही बैठे रह जाता है।
अवसर परिस्थितिजन्य होता है इसकी उत्पत्ति मानवीय आवश्यकता और उनकी समस्याओं के चलते होता है । जहां मानवीय आवश्यकता उत्पन्न होती है वही अवसर छिपा होता है । फिर, समस्याएं या बाधाएँ जहां कहीं भी आती हैं ,समझ, उसके आवरण में अवसर Opportunity छिपा है- सिर्फ इसे समझने और पहुंचाने की आवश्यकता है। यहां साहसी की तुलना एक सपेरे से की जा सकती है।

उदाहरण- हम सामान्य लोग किसी खेत खलियान में मिट्टी का छेद Hole देखकर इसे सामान्य बात मान कर बैठ जाते हैं जबकि सपेरा विभिन्न छेदो को देखकर समझ लेता है कि किस में सांस का निवास है अर्थात किस बिल में सांप है और इसी तरह छेद पहचान कर सांप निकाल लेता है । यही स्थिति सामान्य व्यक्ति और साहसी व्यक्ति की होती है।

व्यवसाय में अवसर को उस आर्थिक विचार Economic Idea के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जिसे लाभ कमाने के लिए व्यवसायिक उद्यम के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।

अवसर परिस्थितिजन्य होता है?

हां, अवसर परिस्थितिजन्य होता हैं। इसकी उत्पत्ति मानवीय आवश्यकता एवं उनकी समस्याओं के चलते होती है। जहां मनुष्य की आवश्यकता उत्पन्न होती है वही अवसर छिपा होता है। बस इसे पहचाने और समझने की आवश्यकता होती है।

Leave a Comment