लेखांकन चक्र क्या है? एक बिज़नेस मैन को अपने बिज़नेस को सफल बनाने के लिए लेखांकन चक्र को समझना परम आवश्यक है । आज के इस पोस्ट में मै आपको बताऊंगा की लेखांकन चक्र क्या है , लेखांकन चक्र के चरण कितने होते है , लेखा चक्र किस समय होता है , यह काम किस तरह करता है तथा बिज़नेस के लिए किस तरह से आवश्यक है । इन सभी बातो को कवर करेंगे ।
लेखांकन चक्र क्या हैं
लेखांकन चक्र से आश्य लेखांकन में एक संस्था द्वारा वित्तीय लेनदेन के लिए लिखे जाने के लिए चरणों (Steps)के अनुकरण से हैं। लेखाचक्र एक पूर्ण अनुक्रम (Sequence) है जो लेन-देनों के अभिलेखन से प्रारंभ होता है और अंतिम खातों (Final Account) के निर्माण के पश्चात समाप्त हो जाता है ।यह क्रिया प्रत्येक वर्ष में दोहराया जाता है । लेखांकन चक्र को “लेखाचक्र” के नाम से भी जाना जाता है।
लेखा चक्र के चरण या अवस्थाएं
लेखाचक्र के मुख्य रूप से पांच चरण या अवस्थाएं होती हैं। जो कि नीचे इस प्रकार से दिए गए हैं –
1.वत्तीय लेन-देन
2.जर्नल तैयार करना
3. खाता बही बनाना
4. तलपट बनाना
5. अंतिम खाते या वित्तीय विवरण तैयार करना
1.वत्तीय लेन-देन – लेखांकन का नियम उस स्थान पर लागू होता है जहां पर लेनदेन मौद्रिक (₹) में किया जाता है। जब कोई व्यापारी या व्यक्ति किसी नया बिजनेस को शुरू करता है तो उसे कई प्रकार के क्रियाकलाप करने होते हैं। जैसे- माल का क्रय करना, विक्रय करना, माल वापसी ,विक्रय वापसी, आदि।
2.जर्नल तैयार करना – स्वप्रथम वित्तीय लेन- देन का लेखा प्रारंभिक पुस्तकों में तिथिवार किया जाता है ।जिस बहियों में प्रारंभिक लेखा किया जाता है उसे प्रारंभिक लेखे कि बहि या मूल पुस्तक कहा जाता है ।इस पुस्तक को ही ‘रोजनामचा’ कहा जाता है।
बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में रोजनामचा को 8 भागों में बांटा गया है-
a. रोकड़ बही Cash Book
b.क्रय बही Purchase Book
c.विक्रय बही Sales Book
d.विक्रय वापसी बही Sales Return Book
e.क्रय वापसी बही Purchase Return Book
f.प्राप्य बिल बही Receivable Bill Book
g.देय बिल बही Payable Bill Book
h. मुख्य रोजनामचा Journal
3. खाता बही बनाना – जर्नल में की गई प्रविष्टियों (Entry) को उससे संबंधित खाते के उचित पक्ष में लिखना होता है जिसे ‘वर्गीकरण’ कहा जाता है । लेन-देनों का वर्गीकरण जिस बही में किया जाता है उसे खाताबही (Ledger)कहते हैं। खाता बही में लेखा करने की क्रिया खतौनी (Posting) कहा जाता है । लेन-देन के विभिन्न खातों में खतौनी करने के बाद एक निश्चित दिनांक को, साधारणतया महीने के अंत में, खाते का शेष निकाला जाता है।
4. तलपट बनाना – लेखांकन के चौथे चरण में तलपट (Trial Balance)तैयार किया जाता है । प्रत्येक खाते की शेष के आधार पर तलपट तैयार किया जाता है। तलपट के डेबिट पक्ष (Dr. Side) का योग क्रेडिट पक्ष (Cr. Side) के योग के बराबर होता है । यदि किसी परिस्थिति में यह पक्ष का योग बराबर नहीं होता है तो उस स्थिति में उचन्त खाता (Suspense Account) खोल दिया जाता है।
5. अंतिम खाते या वित्तीय विवरण तैयार करना – वर्ष के अंत में वित्तीय विवरण (Final A/C) तैयार किया जाता है। जिसके अंतर्गत व्यापार खाता, लाभ हानि खाता व आर्थिक चिट्ठा बनाया जाता है। एकाकी व्यापार एवं साझेदारी व्यापार में ट्रेडिंग खाता व पी एल खाता तैयार किया जाता है जबकि कंपनी में प्रॉफिट एंड लॉस खाता तैयार किया जाता है ।
आर्थिक चिट्ठा वर्ष के अंत में बनाया जाता है जो व्यवसाय की आर्थिक स्थिति को प्रदर्शित करता है। इसमें संपत्ति को दाएं भाग में दायित्व को बाएं भाग में दिखाया जाता है ।वर्ष के अंत में तैयार किए गए आर्थिक चिट्ठा को “अंतिम आर्थिक चिट्ठा” कहा जाता है । यह अगले वित्तीय वर्ष के प्रारंभ में प्रारंभिक चिट्ठा कहलाता है । अगले वर्ष फिर लेखांकन की यह प्रक्रिया दोहराई जाती है।
अतः इसे “लेखांकन चक्र” (Accounting Cycle) कहा जाता है।
लेखा चक्र का समय
लेखा चक्र का कोई निश्चित समय नहीं होता है। यह तभी प्रारंभ हो जाता है जब किसी भी व्यवसाय में लेन-देन होता है और यह तब तक चलते रहता है। जब तक कि अंतिम खाता (Final Account) बना नहीं लिया जाता है यह चक्र निरंतर चलते रहता है।
लेखा चक्र किस तरह काम करता है
लेखा चक्र (Accounting Cycle)पहले से सेट किया गया होता है। सबसे पहले व्यापार में मौद्रिक लेन-देन को पहली वही में लिखा जाता है जिसे प्रारंभिक लेनदेन का ‘मूल पुस्तक’ (Original Book) कहा जाता है। इसे रोजनामचा (Journal) के नाम से भी जाना जाता है। जर्नल में रिकॉर्ड की गई लेखों से लेजर बनाया जाता है, लेजर बनाने के बाद जांच करने हेतु तलपट (Trail Balance) तैयार किया जाता है और फिर वर्ष के अंत में वित्तीय विवरण (Financial Statement) तैयार किया जाता है। यह सिलसिला व्यवसाय में चलता- रहता है ।इसी तरह व्यवसाय में लेखा चक्र काम करता है।
क्या लेखा चक्र व्यवसाय के लिए आवश्यक है
हां, इसमें कोई संदेह नहीं है । लेखक चक्र व्यवसाय की सफलता की चाबी (Key) है। इसके विश्लेषण से ही यह ज्ञात हो पाता है कि व्यवसाय में लाभ या हानि कितना हुआ है तथा वत्तीय स्थिति क्या प्रदर्शित कर रहा है। कुल मिला जुला कर कहा जाए तो एक व्यवसाय में लेखा चक्र का होना बहुत ही आवश्यक है।
अब आपको लेखांकन चक्र क्या है से संबंधित सभी बातें मालूम हो गया होगा। यदि आपका कोई प्रश्न है तो नीचे कमेंट करें। मैं आपका कमेंट करने का प्रतीक्षा कर रहा हुँ।
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