आय-व्यय खाता को गैर लाभकारी संगठन तैयार करती है। पिछले आर्टिकल में प्राप्ति एवं भुगतान खाते के बारे में जाना और आज के इस आर्टिकल में आय-व्यय खाते के बारे में समझेंगे जैसे की परिभाषा, विशेषता, उदाहरण, व्यवहार करने वाले सौदे, समायोजन, प्रारूप तथा यह खाता प्राप्ति और भुगतान से कैसे बनाया जाता है और आर्टिकल के अंत में FAQs दिए गए हैं जो अक्सर छात्रों के मन में कंफ्यूजन क्रिएट करते हैं।
1. आय से आप क्या समझते हैं?
बिजनेस में जो पैसा प्राप्त होता है उसमें से खर्च को घटाकर जो राशि शेष बचता है वह “आय” Income कहलाता है। इसे दूसरे तरीके से इस तरह परिभाषित किया जा सकता है आय एक लेखांकन वर्ष में संपत्ति के आंतरिक प्रवाह, दायित्वों में कमी के रूप में आर्थिक लाभों में वृद्धि है जिससे आंतरिक समता में बढ़ोतरी होती है। सूत्र के अनुसार,
आय = आगम – व्यय
Income = Revenue – Expenses
“आगम में से व्यय/खर्च घटाने पर जो शेष राशि बचता हैं उसे आय कहते हैं।”
आगम किसे कहते हैं?
आगम से अभिप्राय व्यवसाय के आय से लगाया जाता है। इसका आश्य नियमित रूप से प्राप्त होने वाली आय या आवर्ती प्रकृति की आय से भी हैं। उदाहरण के तौर पर अर्जित किराया, अर्जित लाभांश, अर्जित बट्टा, कमीशन, ब्याज तथा माल की बिक्री से प्राप्त आदि ।
2. व्यय/खर्च क्या होता हैं?
किसी भी प्रकार के बिजनेस में या कार्य में किसी चीज की आवश्यकता है तो उसे प्राप्त करने के लिए जो पैसे भुगतान किए जाते हैं वह “खर्च” Expenditure कहलाता है।
उदाहरण – माल, सेवा आदि प्राप्त करने में किया गया खर्च।
A. आय-व्यय खाता किसे कहते हैं?
आय-व्यय खाता को लाभ-हानि खाता कहा जाता है यह लाभ न कमाने वाली संस्था के द्वारा बनाया जाता है। यह बिल्कुल वैसे ही तैयार किया जाता है जिस तरह से लाभ- हानि खाता बनता है इसमें केवल आयगत सौदों का ही लेखा किया जाता है, पूंजीगत मदों को नहीं लिखा जाता है। यह नाममात्र खाता होता है जो लेखांकन के उपार्जन के आधार पर तैयार किया जाता है। आय भाग का व्यय पर अधिकता को Surplus तथा व्यय भाग का आय पर अधिकता को Deficit कहते हैं।
उदाहरण – Repair, Depreciation, Sale of Gross, Dividend, Electricity, Printing and Stationery, Telephone Charges, Fair expenses, Entrance Fees, Bad Debts etc.
आय-व्यय खाते की विशेषता
इस खाते की मुख्य विशेषता निम्नलिखित होती है-
- इसमें केवल आगम प्रकृति वाले मदों का लेखा किया जाता है।
- यह खाता लाभ-हानि खाते के समान होता है।
- इस खाते की प्रकृति नाममात्र खाता है।
- इसमें केवल चालू वर्ष के ही आय एवं व्यय लिखा जाता है। पिछले या अगले वर्ष संबंधित आय-व्यय प्रदर्शित नहीं किए जाते हैं।
- पूंजीगत मदों का लेखा नहीं होता है।
आय-व्यय खाते का दोष लिखिए
जैसा कि आपने ऊपर इस खाते की विशेषता जाना (लाभ) इतने सारे गुण होने के बावजूद भी आय-व्यय की कुछ सीमाएं है जो इस प्रकार से दिए गए हैं-
- आय-व्यय खाते की सबसे पहली कमी की केवल आयगत प्रकृति वाले Items को ही प्रदर्शित किया जाता हैं।
- इसमें पिछले वर्ष तथा आगामी (अगले) वर्ष से संबंधित Items को नहीं लिखा जाता है।
- इस खाते में समायोजन करने की आवश्यकता पड़ती है।
- आय-व्यय खाते में पूंजीगत मदें (पूंजीगत प्राप्ति एवं भुगतान) नहीं दिखाई जाती है।
B. आय-व्यय खाते से संबंधित मुख्य बातें ध्यान देने योग्य
- आय-व्यय खाते में केवल चालू वर्ष के आयगत आय, व्यय लिखे जाते हैं चाहे वे प्राप्त हुए हो या नहीं, चाहे उनका भुगतान किया गया हो या फिर नहीं।
- इस खाते में कभी भी पूंजीगत प्राप्तियां, भुगतान का लेखा नहीं होता है।
- अगर किसी सौदे में समायोजन Adjustment हो तो अवश्य करें।
C. समायोजन संबंधित ध्यान रखने वाली बातें
- अगर प्रश्न में किसी भी तरह की अन्य सूचनाएं मौजूद है तो उसका Adjustment (+, – ) करें
- पिछले वर्ष तथा अगले वर्ष से संबंधित आय को घटा दें ( – )
चालू वर्ष से संबंधित आय जो उपार्जित हो चुकी है लेकिन अभी तक प्राप्त नहीं हुआ हो उसे जोड़ दें ( + ) - शुरुआती/प्रारंभिक अग्रिम आय को जोड़ दें ( + )
- अंतिम अग्रिम आय को घटा दें ( – )
- स्थाई संपत्ति पर Depreciation अवश्य काटे।
D. आय-व्यय खाता क्यों बनाया जाता हैं?
साधारण शब्दों में कहा जाए तो इस खाते को अलाभकारी संस्था द्वारा चालू वर्ष में व्यय पर आय की अधिकता Surplus एवं आय पर व्यय की अधिकता Deficit ज्ञात करने हेतु बनाया जाता है।
3. प्राप्ति और भुगतान खाता से आय- व्यय खाता कैसे बनाया जाता है?
प्राप्ति और भुगतान खाता को 5 स्टेप्स में पूरा किया जाता है जो इस प्रकार से दिए गए हैं-
01 – सर्वप्रथम आय – व्यय खाते में जो Items नहीं लिखे जाते हैं उनको अच्छे से याद कर लें
Cash in hand, Cash at Bank को Balance Sheet में संपत्ति भाग में प्रदर्शित किया जाता है। ( Opening Balance )
Cash in hand, Cash at Bank को अंतिम B/S में संपत्ति पक्ष में लिखा जाता है।
आजीवन सदस्यता शुल्क, वसीयत से प्राप्त राशि, विशेष दान, समर्पित निधि आदि सभी पूंजीगत प्राप्तियां हैं। इसे B/S में दायित्व पक्ष में लिखा जाता है।
स्थायी संपत्ति का विक्रय, पूंजीगत भुगतान ( Investment, Fixed Deposit )
दान कोष, खेलकूद कोष, क्रिकेट फंड, पुरस्कार फंड, टूर्नामेंट फंड आदि। यह संचय एवं कोष होते हैं इन्हें अंतिम B/S के दायित्व पक्ष की तरह दिखाते हैं तथा इनसे संबंधित व्यय को इसमें से घटा दिया जाता है।
02 – आय-व्यय खाते में दिखाई जाने वाली मदें ( आयगत प्राप्ति एवं भुगतान )
आयगत प्राप्ति के अंतर्गत – Subscription, Rent , Internet etc. इसे Cr. Side में लिखा जाता हैं।
- चालू वर्ष की अर्जित एवं बकाया आय इससे संबंधित प्राप्त आय में जोड़ दें ( + )
- चालू वर्ष में पिछले वर्ष की प्राप्त आय घटा दें ( – )
- चालू वर्ष में प्राप्त अग्रिम वर्ष की आय घटा दे ( – )
- पिछले वर्ष में प्राप्त चालू वर्ष की आय जोड़ दें ( + )
आयगत भुगतान के अंतर्गत – Salary etc. इसे Dr. Side में लिखा जाता हैं।
- चालू वर्ष के बकाया व्यय जोड़ दें ( + )
- चालू वर्ष में पिछले वर्ष के बकाया व्ययों का भुगतान घटा दें ( – )
चालू वर्ष में अग्रिम वर्ष के व्यय घटा दें ( – ) - चालू वर्ष के व्ययों का पिछले वर्ष में किया गया भुगतान जोड़ दें ( + )
03 – प्रश्न में अतिरिक्त दी गई जानकारी से गैर रोकड़ मद (Bad Debts, संपत्तियों की बिक्री से हानि, हृास आदि) ज्ञात करके इसे डेबिट पक्ष में लिखा जाता है।
04 – प्रयुक्त सामग्री की लागत ज्ञात करके इसे आय-व्यय खाते के डेबिट में लिखें।
05 – सबसे अंत चरण में आय तथा व्यय का अंतर ज्ञात करें और Surplus और Deficit लिखें।
{ यदि आय-व्यय खाते के क्रेडिट भाग के जोड़ से अधिक हो तो अधिशेष होगा एवं इसके विपरीत होगा तो कमी या घाटा है।}
आय-व्यय खाते का प्रारूप
नीचे के तस्वीर में आय-व्यय खाते का फॉर्मेट कैसा होता है उसे दिखाया गया है।
FAQs
प्रश्न संख्या 01- आय-व्यय खाता किसके आधार पर बनाया जाता हैं?
उत्तर – लेखांकन के उपार्जन आधार पर।
प्रश्न संख्या 02- आय-व्यय खाते से आश्य हैं?
उत्तर – यह वह खाता होता है जिसमें गैर-लाभकारी संगठन के आयगत व्यय,आय को दिखाया जाता है।
प्रश्न संख्या 03- आय तथा व्यय खाता किसके द्वारा तैयार किए जाते हैं?
उत्तर – लाभ न कमाने वाली संस्था या लाभकारी संस्था और अधिक..
प्रश्न संख्या 04- उस खाते का नाम लिखिए जो लाभ न कमाने वाली संस्था द्वारा व्यापारिक एवं लाभ-हानि खाते के स्थान पर बनाया जाता है?
उत्तर – आय-व्यय खाता (Income And Expenditure Account)
प्रश्न संख्या 05- आय-व्यय खाते की प्रकृति क्या है?
उत्तर – Nominal Account.
आपने आज सीखा
आज आपने आय-व्यय खाता क्या होता है इससे संबंधित बातों को जाना मुझे उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा। कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करें।