उत्पादन रूपरेखा क्या होता हैं तथा उत्पादन रूपरेखा के चरण को इस आर्टिकल में जानेंगे।
उत्पादन रूपरेखा से आप क्या समझते हैं?
उत्पादन का अर्थ उपयोगिता का सृजन करना होता हैं। उत्पादन से आशय किसी वस्तु अथवा सेवा से हैं जिसमें क्रेता की और संस्थाओं की संतुष्टि होती हैं। उत्पादन रूपरेखा के निम्नलिखित तीन चरण होते हैं –
- प्रबंधकीय आयाम – प्रबंधकीय आयाम में कुल उत्पाद शामिल होता है जो कि विपणकर्ता द्वारा बाजार में विक्रय हेतु प्रस्तुत किया जाता है इसमें निम्नलिखित को शामिल किया जाता है जैसे – मुख्य उत्पाद अथवा सेवा जिसके कुछ विशेष लक्षण होते हैं। संबंधित उत्पाद लक्षण जैसे ब्रांड नाम, विशेष पैकेजिंग, ट्रेडमार्क आदि।
- उपभोक्ता आयाम – उपभोक्ता आयाम से आशय उपभोक्ता द्वारा किसी वस्तु को खरीदे जाने से होता हैं। यदि उसकी आवश्यकता एवं आशाओं की संतुष्टि होती है तो वह उसे पुनः खरीदता हैं। उत्पादन रूपरेखा के इस चरण में उपभोक्ता के बारे में विशेष ध्यान रखा जाता है । किसी भी वस्तु का उत्पादन उपभोक्ता को देखकर ही किया जाता है । ऐसा ना हो की गुड्स का प्राइस हाई हो और कंस्यूमर के पास उसे खरीदने के लिए पैसे ही ना हो ।
- सामाजिक आयाम – इसके अंतर्गत यह माना जाता है कि उत्पाद के क्रय से ना केवल तुरंत संतुष्टि प्राप्त होती है बल्कि इससे उपभोक्ता का दीर्घकालीन कल्याण भी होता हैं। समाज को लंबे समय तक उत्पात की संतुष्टि प्राप्त होती रहती है।
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