मांग के नियम

मांग का नियम यदि आप जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही आर्टिकल पर आए हैं यह प्रश्न परीक्षा के दृष्टिकोण से बहुत ही उपयोगी हैं।
इस आर्टिकल में मांग के नियम की व्याख्या, मांग के नियम के अपवाद, विशेषता, मांग रेखा बाएं से दाएं को नीचे की ओर क्यों झुकती है आदि समझेंगे। तो बिना देर किए चलिए आगे की ओर बढ़ते हैं।

मांग के नियम से आप क्या समझते हैं?

जब किसी वस्तु की कीमत में बढ़ोत्तरी होती हैं (और साथ ही अन्य बातें समान रहती है) तो उस वस्तु की कम मात्रा मांगी जाती है अथवा दूसरे शब्दों में यूं कहा जाए तो यदि बाजार में वस्तु की अधिक मात्रा प्राप्य हैं तो (अन्य बातों के समान आने पर) उस मात्रा को केवल नीची कीमत पर बेचा जा सकता हैं।

प्रो. टामस के शब्दों में :- किसी निश्चित समय में, किसी वस्तु अथवा सेवा की मांग प्रचलित कीमत पर ऊंची कीमत की अपेक्षा अधिक और नीची कीमत की अपेक्षा कम होती हैं।

“At any given time the demand for a commodity or service at the prevailing price is greater than it would be at a higher price and less than it would be a at lover price.”

प्रो. मार्शल के अनुसार :- मांग की मात्रा कीमत में कमी के साथ बढ़ती जाती है और कीमत में वृद्धि के साथ घटती जाती हैं।

“The amount demanded increase with a fall in the price and diminishes with a rise in price.”

मांग के नियम की व्याख्या कीजिए?

किसी वस्तु के मूल्य और उसकी मांग के बीच संबंध को मांग के नियम से जाना जाता हैं। मांग के नियम का प्रत्येक क्षेत्र में महत्वपूर्ण जगह है क्योंकि यह नियम पूरी तरह से स्पष्ट करता है कि यदि अन्य बातें यथा स्थिर रहे तो किसी सेवा या वस्तु की कीमत में परिवर्तन होने पर उस वस्तु की मांग में विपरीत दशा में परिवर्तन होंगे अर्थात वस्तु या सेवा की कीमत में बढ़ोत्तरी होने पर मांग कम तथा कीमत में कमी होने पर उसकी मांग बढ़ जाती है।

मांग का नियम यह प्रदर्शित करता है कि मांग, कीमत की अपेक्षा विपरीत दिशा में परिवर्तित होती है किंतु यह आवश्यक नहीं कि मांग में परिवर्तन आनुपातिक हो।

किसी वस्तु की कीमत और उसकी मांगी गई मात्रा के बीच पाए जाने वाले विभिन्न संबंध को ही मांग के नियम से जाना जाता हैं। यदि इस नियम को मांग रेखा के द्वारा व्यक्त करें तो रेखा बाएं से दाएं नीचे की ओर गिरती हुई होगी।

एकाधिकार से आप क्या समझते हैं?

उदाहरण – चित्र के माध्यम से स्पष्ट

उपर्युक्त चित्र में D D1 मांग रेखा है जो या बाएं से दाएं नीचे की ओर गिर रही है तथा यह स्पष्ट करती है कि जब कीमत PQ है तो मांगी जाने वाली मात्रा OQ हैं। यदि कीमत गिरकर P2 Q2 हो जाती है तो मांग बढ़कर क्रमश OQ1 तथा OQ2 हो जाएंगे।

मांग के नियम की विशेषताएं

यह नियम के निम्नलिखित विशेषताएं हैं-

  1. मांग का नियम किसी निश्चित समय पर वस्तु या सेवा की मूल्य और मांग में विपरित संबंध को स्पष्ट करता हैं।कीमत और मांग में विपरित संबंध होता हैं।
  2. मांग का नियम एक गुणात्मक कथन हैं।
  3. कीमत स्वतंत्र और मांग आश्रित होता हैं।

मांग के नियम की मान्यताएं

मांग के नियम के निम्नलिखित मान्यताएं हैं जो नीचे के पंक्ति में दिए गए हैं-

  • व्यक्तियों के रुचि व स्वभाव में कोई परिवर्तन नहीं होना चाहिए।
  • वस्तु ऐसी नहीं हो जिसके रखने या प्रयोग करने से समाज में अधिक प्रतिष्ठाता मिलती हों।
  • भविष्य में वस्तुओं के मूल्य में परिवर्तन की आशा नहीं होनी चाहिए।
  • किसी नए स्थापन्न वस्तु की खोज नहीं होनी चाहिए।
  • व्यक्तियों की मांग सामान रहनी चाहिए।

मांग के नियम के अपवाद लिखिए | क्या मांग वक्र नीचे से ऊपर उठ सकता हैं?

कुछ दशाएं ऐसी होती हैं जिनमें मांग का नियम लागू नहीं होता हैं। कीमत और मांग में विपरीत संबंध नहीं होता है बल्कि सीधा संबंध हो जाता है अर्थात् कीमत बढ़ने पर मांग बढ़ती है और कीमत घटने पर मांग घटती हैं।

दूसरे शब्दों में कहा जाए तो कुछ दशाएं मांग रेखाएं ऊपर की ओर चढ़ती हुई हो जाती हैं। इन दशाओं को मांग के नियम के अपवाद कहा जाता हैं। यह अपवाद निम्नलिखित होती हैं-

#फैशन के बाहर वस्तु

यदि कोई वस्तु फैशन में नहीं रहती है तो उस वस्तु का मूल्य कम हो जाने पर भी उसकी मांग में वृद्धि नहीं होती हैं।

#अत्यधिक कम कीमत की वस्तुएं

जिन वस्तुओं की कीमत काफी अधिक कम होती है उनकी कीमतों में परिवर्तन होने पर भी उनकी मांग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, प्रभाव पड़ता भी है तो नहीं के बराबर। जैसे- माचिस, नमक, सुई आदि वस्तुएं इस श्रेणी के उदाहरण हैं।

#जनसंख्या में वृद्धि

जनसंख्या में बढ़ोत्तरी के कारण मूल्य बढ़ जाने पर भी वस्तु की मांग बढ़ जाती हैं। जैसा कि आज भारत देश में जनसंख्या के बढ़ने के कारण हुआ हैं। ( यह पोस्ट लिखते समय )

#प्रतिष्ठात्मक वस्तुएं

कुछ अमीर वर्ग के व्यक्ति कुछ वस्तुओं जैसे कि हीरे, जेवरात आदि को ऊंची कीमत पर अधिक मात्रा में खरीदते हैं क्योंकि उन्हें ऐसा करने में अपनी धन संपत्ति का प्रदर्शन करने का एक सुनहरा मौका मिल जाता हैं। इसे वे प्रतिष्ठा में वृद्घि का सूचक समझते हैं। अतः ऐसे उपभोक्ता उन वस्तुओं की कीमत ऊंची होने पर उन्हें अधिक मात्रा में खरीदने लगते हैं।

#भविष्य में दुर्लभता की आशा वाली वस्तुएं

जब किसी वस्तु के मूल्य में वृद्धि होने के साथ-साथ लोगों में यह भावना भी फैल जाती है कि भविष्य में उस वस्तु की उपलब्धि कठिन हो जाएगी, तो उपभोक्ताओं में जमाखोरी की प्रवृत्ति क्रियाशील होने के कारण वस्तु की मांग में कमी होने के बजाय वृद्धि होने लगती हैं।

#उपभोक्ताओं की अज्ञानता

कभी-कभी अज्ञानता के कारण उपभोक्ता ऊंचे मूल्यों पर वस्तुओं की अधिक (नीचे मूल्यों पर वस्तुओं की अपेक्षा) मांग कर देते हैं। दवाइयों की दशा में प्रायः ऐसी ही बात पाई जाती हैं। कीमत गिरने पर अन्य तत्वों के प्रभावशाली होने के फलस्वरूप, मांग में वृद्धि नहीं होती हैं।

#गिफिन का विरोधाभास

आज के अर्थशास्त्री इस स्थिति को ही मांग के नियम का अपवाद मानते हैं। गिफिन के अनुसार निम्न कोटि की वस्तुओं की कीमत में कमी होने पर उनकी मांग बढ़ने के स्थान पर घटने लगती हैं। इसे ही गिफिन का विरोधाभास कहा जाता हैं।

मांग रेखा बाएं से दाएं को नीचे की ओर क्यों झुकती हैं?

मांग का नियम कीमत तथा मांगी गई मात्रा में विपरीत संबंध को बताता है इसलिए जब उसे मांग रेखा के नाम से प्रदर्शित करते हैं तो मांग वक्र बाएं से दाएं नीचे की ओर झुका हुआ होता हैं। ऐसा क्यों होता है अथवा कीमत और मांग में उल्टा संबंध क्यों होता हैं। इसे निम्नलिखित कारणों के द्वारा स्पष्ट कर सकते हैं-

#1 क्रेता ओं की संख्या में परिवर्तन

जब किसी वस्तु की कीमत में कमी आ जाती है तो कुछ और व्यक्ति (जो कि अब तक उस वस्तु का उपयोग नहीं कर रहे थे) उस वस्तु को खरीदने लगते हैं। इस प्रकार वस्तु की कुल मांग में वृद्धि हो जाती हैं। इस कारण भी मांग वक्र दाएं को नीचे की ओर झुकेगा।

#2 आय प्रभाव

वस्तु की कीमत कम होने पर उपभोक्ताओं की वास्तविक आय में वृद्धि हो जाती है और इसके फलस्वरूप वे पहले की अपेक्षा वस्तु की अधिक मांग करने लगते हैं। इस कारण मांग वक्र दाएं को नीचे की ओर झुकता हैं।

#3 उपयोगिता ह्रास नियम की क्रियाशीलता

मांग का नियम उपयोगिता ह्रास नियम पर आधारित होता हैं। उपयोगिता ह्रास नियम के अनुसार किसी वस्तु की अधिक इकाइयों का उपयोग करने से प्रत्येक अगली इकाई से मिलने वाली उपयोगिता क्रमशः घटती जाती हैं। सामान्यतः कोई भी उपभोक्ता किसी वस्तु का मूल्य सीमांत उपयोगिता से अधिक देने के लिए तैयार नहीं होता ।

#4 प्रतिस्थापन प्रभाव

यदि किसी वस्तु की कोई स्थापन वस्तु है तो वस्तु की कीमत में कमी होने पर वह वस्तु अपनी स्थापन वस्तुओं (जिनकी कीमत पूर्ववत् रहती हैं) की तुलना में अधिक मूल्य आकर्षक हो जाती हैं। इस कारण उपभोक्ता अन्य स्थापन वस्तु के स्थान पर उसका प्रयोग करने लगते हैं। वस्तु की मांग में बढ़ोतरी हो जाती हैं।

निष्कर्ष – मैं आशा करता हूं कि आप मांग के नियम की व्याख्या और इसके अपवाद से संबंधित सारी बातों को आप जान चुके होंगे। यह पोस्ट आपको कैसा लगा नीचे कमेंट करें।