किसी भी व्यक्ति तथा साहसी को एक नया व्यापार स्थापित (Establish) करने के लिए विभिन्न प्रकार के क्रियाकलाप करने होते हैं। जैसे- लागत कितना आएगा और व्यवसाय को चलाने हेतु मुख्य लागत की आवश्यकता कितनी होगी। आज के इस पोस्ट में आप जानेंगे कि मुख्य लागत क्या है, लागत की परिभाषा, तत्व,Prime Cost क्या होता है तथा मुख्य लागत में किन बातों का समावेश होता है।मुख्य लागत क्या है इसे जानने से पहले आपको लागत (cost) की परिभाषा तथा तत्व जानना होगा।
लागत की परिभाषा
सामान्य भाषा में लागत का अर्थ मूल्य से लगाया जाता है। लागत शब्द के अनुसार किसी वस्तु के संबंध में भुगतान की गई कीमत से हैं। लागत को विभिन्न विद्वानों ने कुछ इस प्रकार से परिभाषित किया है-
गार्डन शिलिंग Law के अनुसार ‘लागत व साधन है जिसे किसी विशेष वस्तु को प्राप्त करने हेतु त्यागा जाए।’
आई.सी.एम.ए., लंदन के अनुसार ‘लागत वह साधन है (वास्तविक अथवा काल्पनिक) जो किसी विशेष वस्तु अथवा क्रिया के संबंध में व्यय की गई अथवा नियोजित की जा सके।’
उपर्युक्त परिभाषा के आधार पर यह स्पष्ट है कि लागत से आशय वव्यय की कुल राशि से होता है जो किसी वस्तु विशेष पर वास्तविक अथवा काल्पनिक व्यय की गई हो । यह किन्हीं वस्तुओं के उत्पादन एवं विक्रय सेवा को प्रस्तुत करने अथवा किसी कार्य को संपन्न करने पर की गई हो।
दूसरे शब्दों में – लागत वह कुल व्यय होता है जो किसी वस्तु अथवा सेवा के उत्पादन एवं मजदूरी में खर्च आता हैं।
लागत के तत्व
लागत के तत्व मुख्य रूप से निम्नलिखित है जो कि नीचे इस प्रकार से दिए गए हैं –
1.सामग्री लागत Cost of Material
2.मजदूर लागत Cost of labour
3.व्यय लागत Cost of Expenses
मुख्य लागत क्या हैं
साधारण शब्दों में कहा जाए तो किसी भी वस्तु को बनाने से लेकर बाजार (Market)में बेचने योग्य में जो कुल खर्च आता है वही उस वस्तु का ‘मुख्य लागत’ (Prime cost) कहलाता है।
उदाहरण– मान लीजिए कि Android Smartphone Phone बनाने वाली कंपनी Realme,Nokia,Mi, Micromax आदि हैं। मार्केट में एक नया फोन आने से पहले उसे बनाया जाता है। इसके लिए कंपनी को मोबाइल बनाने से संबंधित पार्ट्स व पुर्जे खुद से बनाने व बाहर से मंगवाने होते हैं और बदले में कंपनी द्वारा उनको पैसे दिया जाता है । एक मोबाइल फोन को बनाने में काफी अधिक खर्च होता है जैसे- माल मंगवाना ,कर्मचारी रखना, समान बिक्री हेतु अलग अलग प्लेटफार्म पर विज्ञापन करवाना आदि। इन सभी क्रियाओं को करने में जो कुल खर्च आता है वही उस फोन की “लागत” होती है।
विशेष अर्थ में – किसी भी वस्तु या सेवा को उत्पादित करने से लेकर उसे बिक्री योग्य बनाने तक की प्रक्रिया में जो खर्च आता है वह उस वस्तु या सेवा की “मुख्य लागत” कहलाती है। किसी वस्तु की लागत क्या होगी या इसमें किन लागत तत्व का समावेश होगा एक निश्चित प्रारूप तैयार नहीं किया जा सकता। यह वस्तु की प्रकृति पर निर्भर करती है ।
उपर्युक्त परिभाषा के आधार पर किसी भी वस्तु के उत्पादन में मुख्य रूप से 2 खर्च होते हैं एक कच्चा माल (Raw Material) और दूसरा श्रम/मजदूर(Labour)। इन दोनों का जोड़ ‘मुख्य लागत’ कहलाता है।
कच्चा माल (Raw Material)– किसी भी वस्तु को बनाने के लिए कच्चा माल की आवश्यकता होती है ।वस्तु के उत्पादन में कच्चे माल को पक्के माल में बदला जाता है। कच्चा माल भी मुख्य रूप से 2 तरह के होते हैं ।
प्रत्यक्ष (Direct)– प्रत्यक्ष कच्चा माल वह होता है जो स्पष्ट तौर पर उसी उत्पाद के लिए उपयोग में लाया जाता है ।जैसे- फर्नीचर के लिए लकड़ी, कपड़े के लिए कपास, चीनी के लिए गन्ना आदि।
अप्रत्यक्ष (Indirect) – अप्रत्यक्ष कच्चा माल वह माल होता है जो पूर्ण रूप से उस उत्पाद में उपयोग नहीं होता है बल्कि इसका कुछ हिस्सा ही लगता है। जैसे कि फर्नीचर में किले, पॉलिश, फेविकोल आदि ।
श्रम/मजदूर(Labour)- कच्चे माल को पक्के माल में बदलने के लिए मजदूर की आवश्यकता होती है। कच्चा माल के तरह ही श्रम/मजदूर भी दो तरह के होते हैं प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष
प्रत्यक्ष श्रम (Direct labour) -माल तैयार करने में जो श्रम सीधे स्पष्ट रूप से उसी माल पर लग रहा है, उसे प्रत्यक्ष श्रम कहते हैं जैसे कि फर्नीचर तैयार करने में लगा हुआ कारीगर प्रत्यक्ष श्रम है।
अप्रत्यक्ष श्रम (Indirect labour)-कुछ श्रम ऐसा है जो सीधे तौर पर इस उत्पाद पर नहीं लगता बल्कि इसका थोड़ा हिस्सा ही इस पर लगता है अप्रत्यक्ष श्रम कहलाता है ।जैसे- सुपरवाइजर, मैनेजर आदि इसके उदाहरण है।
मुख्य लागत का सूत्र Formula Of Prime Cost In Hindi
उपरोक्त पोस्ट में आप मुख्य लागत क्या होता है उसे जान ही गए होंगे। मुख्य लागत का सुत्र=कुल कच्चा माल+कुल श्रम
Formula Of Prime Cost = Total Raw Material + Total Labour
उदाहरण – एक कलम बनाने के लिए स्याही, खाली लिड और ढक्कन की आवश्यकता होती हैं। इन सभी चीजों (स्याही, खाली लिड और ढक्कन)को खरीदने के लिए ₹5 लगते हैं। यह कलम बनाने के लिए कच्चा माल (Raw Material) हैं।जबिक कलम एक व्यक्ति के द्वारा नहीं बनाया जा सकता हैं। इसके लिए कुछ मजदूर की आवश्यकता होगी जिन्हें काम कराने के बदले में पैसे (₹5) देने होंगे । यहां,
Raw material =₹5
Labour =₹5
Prime Cost = Raw material + Labour
=5+5
=₹10.
Prime Cost किसे कहते हैं
यह एक अंग्रेजी शब्द हैं जिसे हिन्दी में ‘प्रधान लागत’ या ‘मुख्य लागत’ कहते हैं। साधारणत: किसी वस्तु को बनाने से लेकर बेचने तक में कुल खर्च ही ‘Prime Cost’ होता हैं।
मुख्य लागत को किन किन नाम से जाना जाता है
मुख्य लागत को कई नामों से जाना जाता है जो कि नीचे इस प्रकार से दिए गए हैं-
प्रधान लागत, कुल लागत तथा प्राइम कॉस्ट।
इसे भी पढ़े : एक साहसी के समाज के प्रति क्या जिम्मेदारी है